2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक 24 मार्च को होगी. इस बात की पूरी संभावना है कि दूरसंचार विभाग में सचिव रह चुके पी जे थॉमस और राडिया टेप में शामिल पत्रकारों को इसकी बैठकों में तलब किया जाएगा.
थॉमस की केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के रूप में नियुक्ति के फैसले को हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है. जेपीसी अध्यक्ष पी सी चाको ने कहा, ‘जेपीसी की पहली बैठक 24 मार्च को होगी.’ बैठक में समिति के कामकाज का रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिसमें गवाहों और दस्तावेजों का ब्यौरा होगा.
थॉमस को जेपीसी के समक्ष पेश होने के लिए बुलाये जाने के बारे में सवाल किये जाने पर जेपीसी सदस्य और माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि थॉमस की भूमिका जांच के दायरे में आ सकती है क्योंकि जिस समय 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन हो रहा था, थॉमस दूरसंचार सचिव हुआ करते थे. {mospagebreak}
यह पूछने पर कि नीरा राडिया के टेपों में जिन पत्रकारों के नामों का खुलासा हुआ है, जेपीसी उन्हें बुलाएगी या नहीं, येचुरी ने कहा कि जो लोग घोटाले पर कुछ प्रकाश डाल सकते हैं, उन्हें तलब किया जा सकता है. जेपीसी में लोकसभा के 20 सांसदों सहित कुल 30 सदस्य हैं. उसे संसद के मानसून सत्र के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.
जेपीसी का गठन इस महीने की शुरूआत में किया गया था. 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में लंबे समय तक चले गतिरोध के बाद अंतत: सरकार ने जेपीसी गठन के विपक्ष के सुझाव को मान लिया.