जैतापुर न्यूक्लियर प्लांट के विरोध में उठे आंदोलन के पीछे कई वजहे हैं. आइए आपको बताते हैं कि इस विरोध की वजहें क्या हैं.
परमाणु ऊर्जा को लेकर दुनिया भर में जो चिंता उभरी है उसने जैतापुर को जंग के मैदान में तब्दील कर दिया है. परमाणु ऊर्जा पर लोगों का भरोसा और सुरक्षा की फ़िक्र ज़्यादा है. लोग रेडिएशन के ख़तरे से डरे हुए हैं.
जापान के फ़ुकुशिमा में हुए हादसे के बाद इस आंदोलन ने और तीख़ा तेवर अख़्तियार कर लिया है. ये प्लांट 233 एकड़ में बन रहा है. स्थानीय किसानों का कहना है कि ज़्यादातर लोगों की ज़मीनों का अधिग्रहण उनकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ किया गया है.
उनकी दूसरी चिंता अपनी रोज़ी-रोटी को लेकर भी है. इस इलाके में हापुस आम की बेहतरीन किस्म होती है और बड़े पैमाने पर इसका निर्यात होता है. डर है कि प्लांट चालू होने से आम की फ़सल तबाह हो सकती है.
दूसरी चिंता मछलियों के कारोबार को लेकर है. ये प्लांट समंदर के नज़दीक बनाया जा रहा है. लोगों को डर है कि अगर प्लांट शुरू हुआ तो समंदर का पानी ज़हरीला हो सकता है जिससे मछलियां से जुड़ा उनका रोज़गार चौपट हो जाएगा.