पांच केंद्रीय मंत्री और सामाजिक कार्यकर्ता के प्रतिनिधि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कानून का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सोमवार को अहम बैठक हो रही है.
समाज के प्रतिनिधियों ने मजबूत भ्रष्टाचार निरोधक कानून के समर्थन में बीते दिन देशभर में कई शहरों में रैलियां की और केंद्रीय मंत्रियों ने हजारे की टीम की ओर से तैयार जनलोकपाल विधेयक के विभिन्न संस्करणों की पर बारीकी से गौर किया.
जनलोपाल विधेयक का विश्लेषण करने वाले कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने एक बैठक में मंत्रियों के समक्ष इस विधेयक की मुख्य विशेषताओं पर एक प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया. इस बैठक को संयुक्त प्रारूप समिति (जेडीसी) के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बुलायी थी.
सोलह अप्रैल को जेडीसी की पहली बैठक में दोनों पक्ष विभिन्न संगठनों की ओर से सौंपे गए लोकपाल विधेयक के विभिन्न मसौदों पर गौर करने पर सहमत हुए थे. मुखर्जी ने जनलोकपाल विधेयक के विस्तृत विवरण पर अपने सहयोगियों के साथ चर्चा की जिसमें लोकपाल कार्यलय को टेलीफोन बातचीतों को टैप करने का अधिकार का प्रावधान है. दूसरी बैठक भ्रष्टाचार निरोधक विधेयक में न्यायपालिका को शामिल करने को लेकर उभरे मतभेदों की पृष्ठभूमि में आयोजित हो रही है.
हाल में आयोजित बैठक में दो पूर्व प्रधान न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे एस वर्मा और न्यायमूर्ति एम एन वेंकटचलैया ने प्रस्तावित विधेयक में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को शामिल करने का विरोध किया था.
नवीनतम संस्करण में नयी उपधारा है, उपधारा 13-सी जो एक ‘उपयुक्त लोकपाल पीठ को’ टेलीफोन, इंटरनेट या भारतीय टेलीग्राफ कानून एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून 2000 के तहत आने वाले अन्य किसी भी माध्यय से प्रेषित होने वाले संदेश, डाटा या आवाजों को टैप करने या निगरानी करने को मंजूरी देने का अधिकार देता है. वर्तमान समय में टेलीफोन पर होने वाली बातचीत को टैप करने का अधिकार गृहमंत्रालय के पास है.
इस नये मसौदे के नये प्रावधान के अनुसार लोकपाल कार्यालय के लिए अलग अभियोजन शाखा स्थापित करना है जिसे जांच का अधिकार देने की परिकल्पना की गई है. इस मसौदे को समिति की 16 अप्रैल को आयोजित पहली बैठक में सरकार के प्रतिनिधियों को बांटा गया था.
जेडीसी में जहां सरकार की ओर मुखर्जी के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, कानून मंत्री वीरप्पा मोईली, गृहमंत्री पी चिदम्बरम, जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद है, वहीं समाज के प्रतिनिधियों में हजारे, पूर्व कानून मंत्री शांतिभूषण, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े, और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल हैं.
हजारे के समर्थकों ने रविवार को जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में दिल्ली, मुम्बई, पुणे, लखनउ, कानपुर, इंदौर, सिलचर, जयपुर, मोरादाबाद, रायपुर, हैदराबाद, बेंगलूर समेत 20 से अधिक शहरों में रैलियां आयोजित कीं.