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जापान संकट से परमाणु विकास प्रभावित नहीं: चीन

जापान के संकट के मद्देनजर चीन की सरकार नयी परमाणु परियोजनाओं को फिलहाल मंजूरी नहीं दे रही, लेकिन यहां के परमाणु प्राधिकरण का कहना है कि वह नये संयंत्रों के निर्माण की योजना नहीं टालेगा हालांकि सुरक्षा मानदंडों का स्तर बढ़ाया जाएगा.

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जापान के संकट के मद्देनजर चीन की सरकार नयी परमाणु परियोजनाओं को फिलहाल मंजूरी नहीं दे रही, लेकिन यहां के परमाणु प्राधिकरण का कहना है कि वह नये संयंत्रों के निर्माण की योजना नहीं टालेगा हालांकि सुरक्षा मानदंडों का स्तर बढ़ाया जाएगा.

झेजियांग प्रांत में निर्मित एक पूरी तरह से स्वदेशी संयंत्र का दौरा करने पहुंचे ‘चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्प’ (सीएनएनसी) के अध्यक्ष सन किन ने कहा, ‘चीन परमाणु उर्जा उद्योग के विकास की अपनी नीति नहीं बदलेगा.’

चीन के पास फिलहाल 13 रिएक्टर हैं और 10 नये संयंत्रों के निर्माण की योजना है. 25 संयंत्रों का निर्माण चल रहा है. चीन का लक्ष्य 2020 तक परमाणु उर्जा की क्षमता 86 गीगावाट करने की है. इसके लिए 121.5 अरब डॉलर का निवेश किया जा रहा है.

सरकारी समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ के मुताबिक किन ने कहा, ‘चीन के लिए अपने यहां परमाणु संयंत्रों का निर्माण करना जरूरी है, लेकिन यह सुरक्षा मानदंडों के उच्च स्तर के मुताबिक होना चाहिए.’

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चीन के परमाणु उर्जा संगठन ने बीते साल जुलाई में कहा था कि 2020 तक 60 से अधिक संयंत्रों का निर्माण किये जाने की योजना है. सीएनएनसी के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग के निदेशक पैन जिकियांग ने कहा कि चीन को परमाणु उर्जा के क्षेत्र में अपनी विकास योजना को नहीं बदलना चाहिए.

बीते 16 मार्च को चीन की कैबिनेट ने नये परमाणु संयंत्रों के निर्माण को फिलहाल मंजूरी न देने का फैसला किया था. जापान के फुकुशिमा संयंत्र से उपजे संकट के मद्देनजर यह फैसला किया गया था. पैन ने कहा कि चीन की उर्जा जरूरतों को पूरा करने की लिहाज से परमाणु उर्जा एक बड़ा और विश्वसनीय स्रोत है.

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