जापान के कामगारों ने सुनामी के बाद क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से विषाक्त पानी के रिसाव को रोकने में कामयाबी हासिल कर ली है, लेकिन संयंत्र के एक रिएक्टर में हाइड्रोजन गैस एकत्र होने से नयी समस्या खड़ी हो गई है.
अधिकारियों ने हाइड्रोजन गैस के एकत्र होने के कारण विस्फोट की आशंका जाहिर की है. रेडियोधर्मी पानी का रिसाव संयंत्र के रिएक्टर नंबर दो से हो रहा था और इसकी जानकारी पिछले शनिवार को हुई थी. टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टेपको) के इस संयंत्र से हो रहे रिसाव को स्थानीय समयानुसार सुबह 05:38 बजे बंद कर दिया गया.
रिएक्टर नंबर दो की एक प्लेट में दरार आने से रिसाव की समस्या खड़ी हुई थी. दरार 12 इंच की थी, जिसे भरने के लिए कामगारों को खासी मेहनत करनी पड़ी. इसके लिए 6,000 लीटर रासानयिक तत्वों का इस्तेमाल किया गया. सरकारी परमाणु सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक टेपको ने इसकी निगरानी करते रहने का आदेश दिया गया है कि रिएक्टर से विषाक्त पानी का समुद्र में गिरना पूरी तरह से बंद हुआ अथवा नहीं. {mospagebreak}
टेपको ने कहा है कि रिएक्टर नंबर एक में नाइट्रोजन गैस छोड़ी जाएगी ताकि वहां हाइड्रोजन गैस का एकत्र होना रुक सके. इससे पहले संयंत्र के तीन रिएक्टरों में हाइड्रोजन गैस के विस्फोट हो चुके हैं. परमाणु एवं औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता हिदेहिको निशियामा ने कहा कि हाइड्रोजन विस्फोट के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई बड़ा खतरा मंडरा रहा है.
समाचार एजेंसी क्योदो के मुताबिक टेपको की ओर से रेडियोधर्मी पदार्थों को समुद्र में डालने की वजह से जापान के कई पड़ोसी देशों में चिंता पैदा हो गई है. पिछले शनिवार को रिएक्टर नंबर दो के निकट से समुद्री जल का नमूना लिया गया था, जिसमें रेडियोधर्मी-131 के अपने उच्चतम स्तर पर होने की बात का पता चला था. {mospagebreak}
मुख्य कैबिनेट सचिव युकियो एडानो ने स्वीकार किया कि सरकार को इस बारे में पहले ही जनता और पड़ोसी देशों को सूचित करना चाहिये था. जापानी सरकार दूसरे देशों को परमाणु संकट के बारे में सूचना देने की अपनी व्यवस्था को मजबूत कर रही है. टोक्यो की योजना है कि इस परमाणु संकट के हर घटनाक्रम की सूचना पड़ोसी देशों तक तत्काल पहुंचाई जाए. इससे पहले सूचना के अभाव को लेकर दक्षिण कोरियाई सरकार ने खुलकर चिंता जताई थी.
एडानो ने कहा कि विदेश मंत्रालय और अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय से कहा गया है कि पड़ोसी देशों तक सूचना पहुंचाते समय अतिरिक्त सावधानी बरती जाए. दक्षिण कोरिया की ओर से चिंता जाहिर करने पर जापानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सातोरू सातो ने कहा, ‘एक देश ने यह मुद्दा उठाया है कि हम पर्याप्त जानकारी मुहैया नहीं कर सके हैं. हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि आगे से सरकारी स्तर पर सूचना देते वक्त किस स्तर पर कदम उठाया जाए.’ पिछले महीने शक्तिशाली भूकंप और सुनामी के जापान में भारी तबाही हुई थी. इसमें लगभग 30,000 लोग मारे गए अथवा लापता हैं.