जापान ने दुर्घटनाग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को लेकर संकट संबंधी गंभीरता स्तर को अधिकतम 7 तक बढ़ा दिया जो 1986 के चेर्नोबिल आपदा के दौरान था.
हालांकि प्रधानमंत्री नाओतो कान ने यह कहते हुए लोगों को तसल्ली देने का प्रयास किया कि संयंत्र को चरणबद्ध तरीके से स्थिर किया जा रहा है. परमाणु संकट गहराने के साथ ही मध्य और पूर्वी जापन में भूकंप के बाद के तेज झटके महसूस किए गए तथा फुकुशिमा संयंत्र से कर्मचारियों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया गया है.
क्योदो संवाद समिति ने कहा कि खतरे का स्तर बढ़ाने का निर्णय कई घंटों तक दुर्घटनाग्रस्त संयंत्र में विकिरण प्रति घंटा 10000 टेराबीक्वरेल्स रहने के बाद किया गया. जापान की परमाणु एवं उद्योग सुरक्षा एजेंसी ने माप स्तर के आकलन के लिए इंटरनेशनल न्यूक्लीयर एवं रेडियोलोजिकल इवेंट स्केल का इस्तेमाल किया. जापान प्रशासन ने सार्वजनिक घोषणा और नयी अंतरिम रेटिंग से आईएईए को पहले ही अवगत करा दिया है. {mospagebreak}
18 मार्च को फुकुशिमा संयंत्र में ‘लेवल 5’ की आपात स्थिति घोषित की गई थी. 11 मार्च को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद यह संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गया था. इससे पहले वर्ष 1986 में चेर्नोबिल परमाणु संकट के समय ‘लेवल 7’ की आपात स्थिति घोषित की गई थी जब रेडियोधर्मी आयोडिन-131 से हजारों टेरोबिक्वेरेल्स विकिरण हवा में निकला था. इस संयंत्र में विस्फोट होने के बाद यह संकट खड़ा हुआ था. चेर्नोबिल संकट के दौरान 4,000 लोगों की मौत हुई थी.
एनआईएसए के प्रवक्ता हिडेहिको निशियामा ने कहा, ‘इसका मतलब यह नहीं कि लोगों की सुरक्षा खतरे में है.’ एनआईएस ने कहा कि दरअसल संयंत्र से विकिरण उत्सर्जन चेर्नोबिल हादसे का महज दसवां हिस्सा है. प्रधानमंत्री नाआतो कान ने भी लोगों को तसल्ली देने का प्रयास किया है कि दुर्घटनाग्रस्त परमाणु संयंत्र स्थिरीकरण की ओर है और रेडियोधर्मी पदार्थों का स्तर घट रहा है.
कान ने टीवी पर प्रसारित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘फुकुशिमा संयंत्र में एक के बाद एक कर रियक्टर स्थायित्व की ओर बढ़ रहे हैं.’ उन्होंने लोगों से सामान्य जनजीवन की ओर लौटने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यदि समस्या पायी जाती है कि तो ऐसे मामले हो सकते हैं जहां रियक्टर बंद किये जा सकते हैं लेकिन ‘फिलहाल हमारी रियक्टर संचालन रोकने की योजना नहीं है.’ {mospagebreak}
उधर, जापान के उत्तर पूर्व में एक दिन पहले 7.1 तीव्रता वाला भूकंप का झटका आने के बाद समुद्र तट से दूर चिबा क्षेत्र में मंगलवार तड़के 6.3 तीव्रता वाला भूकंप का झटका महसूस किया गया. यह जगह देश की राजधानी टोक्यो के पूर्व में स्थित है.
अधिकारियों ने बताया कि भूंकप के कारण किसी भी तरह के जान-माल की नुकसान की खबर नहीं है. यह भूकंप सुबह लगभग 8.08 बजे (स्थानीय समयानुसार) पर महसूस किया गया. इस भूकंप का असर जापान की राजधानी टोक्यो में भी कई सेकेंड तक महसूस किया गया. भूकंप के झटके के बाद सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गयी है, लेकिन नरीता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे को प्रशासन ने भूकंप के झटके के प्रभाव का पता लगाने के लिए बंद कर दिया.
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मध्य जापान के नागनो क्षेत्र में भी सुबह 7.26 मिनट पर 5.5 तीव्रता वाला भूकंप का एक झटका महसूस किया गया. यहां किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. विनाशकारी भूकंप और सुनामी में हजारों लोगों के मारे जाने की घटना के एक माह पूरे होने के बाद सोमवार को जापान के उत्तर पूर्व में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 7.1 मापी गयी थी.