सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग कर रहे जाट समुदाय के आंदोलन के तीसरे दिन गुरुवार को शांति रही.
दो दिन पहले आंदोलन के दौरान हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी. मंगलवार को पुलिस की गोलीबारी में युवक की मौत के बाद बुधवार को आंदोलनकारियों ने रेल और राजमार्गों को जाम कर दिया था. इस कारण इलाके में तनाव बढ़ गया था. पुलिस ने पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे और पानी की बौछार की थी.
मयार गांव के प्रमुख सुरेश ने कहा, 'हम तब तक शव को यहां से नहीं हटाएंगे या फिर अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक कि गिरफ्तार जाट नेताओं को प्रशासन रिहा नहीं कर देता. प्रशासन के साथ हमारी कोई वार्ता नहीं हो रही है. हमारे नेताओं की रिहाई के बाद ही हम वार्ता करेंगे.'
बुधवार को आंदोलन के हिंसक होने पर सेना बुलाने वाले जिला प्रशासन ने स्थिति पर चुप्पी साध रखी है. हालांकि गुरुवार सुबह 8.30 बजे तक सेना की कोई टुकरी तैनात नहीं की गई थी.