हरियाणा में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर 23 दिनों से चला आ रहा जाट समुदाय का आंदोलन अंतत: सोमवार को खत्म हो गया. जाट नेताओं ने हरियाणा सरकार को 13 सितम्बर तक आरक्षण लागू करने का समय दिया है.
आंदोलकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 एवं अन्य सड़कों तथा रेल पटरियों सहित हिसार जिले की सड़कों से अवरोध हटा लिया. अधिकांश अवरोध हिसार जिले के मय्यर गांव के आसपास की सड़कों पर लगाए गए थे.
आंदोलनकारियों ने आंदोलन खत्म करने के साथ पुलिस की गोलीबारी में मारे गए युवक संदीप के शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. युवक की मौत गत मंगलवार को हुई थी.
जाट नेता धरमपाल छोट ने कहा कि जाट नेतृत्व ने सोमवार को विभिन्न खापों के नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया गया.
छोट ने कहा, 'हमें देखना है कि आरक्षण की हमारी मांग पर हरियाणा सरकार क्या कदम उठाती है.'
ज्ञात हो कि आरक्षण आंदोलन के हिंसक रूप ले लेने पर गिरफ्तार 101 से अधिक जाट नेताओं को रविवार शाम रिहा कर दिया गया था, फिर भी आंदोलन खत्म करने की घोषणा नहीं की गई थी.
रिहा किए गए 101 जाट नेता आंदोलन के मुख्य स्थल मय्यर गांव पहुंचे जहां उन्होंने अगली रणनीति तय करने के लिए बैठक की.
जाट नेताओं की रिहाई के बाद भी आंदोलन खत्म न किए जाने से भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार को शर्मिदगी झोलनी पड़ी, क्योंकि शनिवार शाम नेताओं की रिहाई की मांग मान लिए जाने के बाद राज्य सरकार ने उम्मीद की तहत आंदोलन खत्म होने की घोषणा कर दी थी.
दरअसल, आंदोलनकारी जाट नेताओं ने शर्त रखी थी कि जब तब उनके गिरफ्तार नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक वे प्रशासन और प्रदेश सरकार से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे.
हरियाणा के हिसार और उससे सटे भिवानी, जींद और रोहतक जिले में जाटों के विरोध प्रदर्शन के चलते करीब 10 दिनों तक जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा. हिसार को दिल्ली, जींद, भिवानी और चण्डीगढ़ से जोड़ने वाले राजमार्गो को जाम कर दिए जाने और हिसार-दिल्ली रेलपटरी अवरुद्ध किए जाने से एनसीआर में दूध और सब्जी उत्पादों की किल्लत हो गई थी.
उल्लेखनीय है कि जाट समुदाय पिछले कुछ दिनों से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है.
गत मंगलवार को पुलिस की गोलीबारी में युवक की मौत से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलपटरियों को जाम कर दिया था तथा एक पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया था. इसके अलावा हिसार कैंट के नजदीक एक बैंक की शाखा में तोड़फोड़ भी की थी.
जाट नेताओं ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री हुड्डा पहले किए अपने वादे से मुकर गए हैं और टाल-मटोल की नीति अपना रहे हैं तथा आंदोलन को बलपूर्वक दबाने का प्रयास कर रहे हैं.