आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा जाट आंदोलन दिल्ली पर भारी पड़ सकता है. जाट नेता ने धमकी दी है कि वे 28 मार्च से दिल्ली में लोगों का आना जाना बंद कर देंगे. इससे पहले मंगलवार से वे दिल्ली की सीमाओं को बारी-बारी से सील करना शुरू करेंगे.
जाट आंदोलन की आंच अब दिल्ली पहुंचने लगी है. दिल्ली से यूपी या फिर यूपी से दिल्ली आने वाले मुसाफिरों को मंगलवार को भारी परेशानी हो सकती है. आरक्षण की मांग पर अड़े जाट नेताओं ने एलान किया है कि वे मंगलवार को दिल्ली को यूपी से जोड़ने वाले यूपी गेट बॉर्डर को सील कर देंगे.
एनएच-24 पर मौजूद यूपी गेट बॉर्डर दिल्ली को हापुड़ होते हुए उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों से जोड़ता है और ये दिल्ली एनसीआर की बेहद व्यस्त सड़कों में से एक है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद लगा था कि आरक्षण को लेकर जाटों का आंदोलन अब खत्म हो जाएगा और आम आदमी को थोड़ी राहत मिलेगी. आदेश के बाद अमरोहा के रेलवे ट्रैक से जाट भले ही हट गए, लेकिन नरवाना समेत कई जगहो पर अब भी रेलवे पटरी पर ये जमे हुए है. इसकी वजह से गाड़ियों की आवाजाही पर असर पडा है.{mospagebreak}
राजस्थान में तो इसका सबसे ज्यादा असर नजर आ रहा है. जाट आंदोलन की वजह से राजस्थान से गुजरने वाली पचास गाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ा है. 12 गाड़ियों को रद्द किया गया, वहीं 21 गाड़ियों को आधे रास्ते से ही लौटा दिया गया और 17 गाड़ियों के रूट को बदल दिया गया.
इस बीच कुरुक्षेत्र में हरियाणा के पांच जिलों के जाटों की बैठक में ये फैसला किया गया है कि 25 मार्च तक अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वो दिल्ली-अमृतसर रेल लाइन, और दिल्ली जाने वाली सड़कों को जाम कर देंगे. पानीपत की तेल रिफाइनरी में भी काम बंद करा दिया जाएगा.
उधर, हिसार में प्रशासन सख्ती के मूड में नजर आया और रैपिड एक्शन फोर्स की चार टुकडियां बुलाई गईं, लेकिन जाट समुदाय के लोग आरक्षण को लेकर किसी समझौते के मूड में बिल्कुल नहीं हैं.