सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे जाटों ने हरियाणा में रेल पटरियों से नहीं हटने का फैसला किया है और कहा है कि मांग पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा.
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. सरकार को भी इसका सम्मान करते हुए जल्द से जल्द जाटों की आरक्षण की मांग पूरी कर आंदोलन खत्म कराना चाहिए.
मलिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जाट आंदोलनकारियों ने इलाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के सम्मान में रेल पटरियों को खाली कर दिया था लेकिन सरकार सभी तरह की चालें चलकर आंदोलन को खत्म कराने की कोशिश में लगी है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के जाटों ने फैसला किया है कि वे रेल पटरियां खाली नहीं करेंगे.
मलिक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए सरकार को जाट आरक्षण की मांग पूरी कर आंदोलन खत्म कराना चाहिए. मलिक ने कहा कि जाट शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. यदि आरक्षण की उनकी मांग नहीं मानी गई तो 28 मार्च से दिल्ली का संपर्क देश के शेष हिस्सों से काट दिया जाएगा. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने सरकार को दिल्ली को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसलिए सरकार को चाहिए कि वह जाटों को आरक्षण प्रदान कर दिल्ली को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित नहीं होने दे.
जाट नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि न्यायालय ने सरकार से कहा है कि वह आंदोलन समाप्त कराये. उनका तर्क था कि न्यायालय ने आंदोलनकारियों को कोई निर्देश नहीं दिया है. मलिक ने कहा कि आंदोलन को अब उत्तर प्रदेश हरियाणा और राजस्थान के दायरे से बाहर निकालकर देशव्यापी बनाने की तैयारी की जा रही है तथा इसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर होगी.