अन्नाद्रमुक प्रमुख जे. जयललिता ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से ए. राजा को दूरसंचार मंत्री पद से हटाने को कहा और वादा किया कि अगर द्रमुक समर्थन वापस ले लेती है तो वह 18 सांसदों की ओर से ‘बिना शर्त’ समर्थन देंगी. बहरहाल, कांग्रेस ने इस पेशकश को ठुकरा दिया है.
जयललिता ने राजा के खिलाफ कदम उठाने से ‘हिचक’ रही कांग्रेस से कहा कि अगर द्रमुक सांसद मंत्री पद पर बने रहते हैं तो इससे कांग्रेस की विश्वसनीयता को स्थायी तौर पर नुकसान पहुंचेगा.
तमिलनाड़ु की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मेरी प्राथमिकता यह है कि ईमानदारी बनी रहे और इस तरह के बड़े घोटाले को अंजाम देने वाले को महज गठबंधन की राजनीति की बाध्यता के कारण नहीं छोड़ा जाये.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मुद्दा अब चरम पर पहुंच गया है. राजा के खिलाफ कार्रवाई में किसी भी तरह के विलंब से कांग्रेस की मूल विश्वसनीयता को स्थायी तौर पर नुकसान पहुंचेगा और उसके भविष्य पर सवालिया निशान लग जायेगा.’’ जयललिता ने कहा कि अगर सिंह और कांग्रेस यह मानती है कि मंत्री खुद इस्तीफा दे देंगे तो वे गलत सोच रहे हैं. {mospagebreak}
उन्होंने दावा किया कि वह कांग्रेस को रास्ता दिखा सकती हैं. जयललिता ने कहा कि अगर करुणानिधि नीत पार्टी सरकार से समर्थन वापस ले लेती है तो वह सत्तारूढ़ गठबंधन को लोकसभा के 18 सांसदों का समर्थन सुनिश्चित करा सकती हैं. द्रमुक के लोकसभा में 18 सांसद हैं.
जयललिता ने कहा, ‘समान विचारों वाले अन्य नेता भी हैं. मैंने उनसे बात की है. मेरी पार्टी के पास लोकसभा में नौ सांसद हैं. मित्र दलों के पास भी पर्याप्त संख्या है. तो फिर कांग्रेस को किस बात की चिंता है.’
इस पेशकश पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के तमिलनाड़ु मामलों के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ‘तमिलनाड़ु में कोई रिक्तता नहीं है’ क्योंकि पार्टी का द्रमुक के साथ पहले से गठबंधन है. कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जनार्दन द्विवेदी ने भी पेशकश ठुकराते हुए कहा, ‘यह उनकी भावनाएं हो सकती हैं. हमें इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी.’ {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि फिलहाल यह काफी साफ है कि गठबंधन में द्रमुक हमारा काफी अहम सहयोगी है. जयललिता ने कहा, ‘मुझे काल्पनिक दावे करने की आदत नहीं है. मैं यह कह रही हूं कि द्रमुक के 18 सांसदों के बदले मेरे पास आंकड़े हैं. जो मैं कह रही हूं उसके मायने हैं.’ यह पूछने पर कि क्या वह कांग्रेस को समर्थन देने के लिये कोई शर्त रखेंगी, अन्नाद्रमुक प्रमुख ने कहा कि उनकी तरफ से कोई शर्त नहीं रहेगी.
बढ़ती आलोचनाओं के बावजूद राजा के खिलाफ कदम उठाने में अनिच्छुक नजर आ रही कांग्रेस जाहिरा तौर पर चाहती है कि द्रमुक खुद ही अपने मंत्री को कैबिनेट से हटा ले. इस संबंध में संकेत तब स्पष्ट हो गये जब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘अगर वह हमारी पार्टी में होते तो अब तक पद से हटा दिये गये होते.’