तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह ‘भ्रम और अशुद्धि’ से भरा हुआ है.
जयललिता ने केंद्र से कहा कि वह राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण के प्रयास नहीं करे. उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे सख्त पत्र में कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र का न-न तो अतिक्रमण का प्रयास करना चाहिए और न-न ही उसे ऐसा प्रयास करते देखा जाएगा. उन्होंने इसके साथ ही प्रस्तावित कदम की परिधि से तमिलनाडु को छूट दिये जाने की भी मांग की.
उन्होंने इस प्रस्ताव पर केंद्र की ओर से राज्य के मांगे गए विचार पर जवाब देते हुए कहा, ‘हमारे देश जैसे संघीय ढांचे जहां राज्य जनता के नजदीक और सीधे सम्पर्क में रहते हैं, लोकप्रिय कल्याण योजनाओं के निर्माण और उसे लागू करने का विकल्प राज्यों पर छोड़ दिया जाना चाहिए.’
जयललिता ने विधेयक के प्रावधान खाद्य सुरक्षा को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत प्राप्त करना अपेक्षित होने की ओर ध्यान आकषिर्त करते हुए कहा, ‘टीपीडीएस को जबर्दस्ती लागू कराने से 1800 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा जबकि केंद्र की ओर से इस संबंध में कोई भी वैधानिक प्रतिबद्धता नहीं है.’