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जेठमलानी ने बिनायक सेन की पैरवी करने की पेशकश की

वयोवृद्ध अधिवक्ता राम जेठमलानी ने मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनायक सेन की पैरवी करने की पेशकश करते हुए कहा कि मुकदमे की पैरवी और भाजपा सांसद होने को लेकर उन्हें कोई विरोधाभास महसूस नहीं होता.

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वयोवृद्ध अधिवक्ता राम जेठमलानी ने मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनायक सेन की पैरवी करने की पेशकश करते हुए कहा कि मुकदमे की पैरवी और भाजपा सांसद होने को लेकर उन्हें कोई विरोधाभास महसूस नहीं होता.

गौरतलब है कि सेन को छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने राजद्रोह का दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनायी है.

जेठमलानी ने कहा कि पार्टी की नीतियों में मेरा विश्वास नहीं है. कोई भी पार्टी नीति यह नहीं कहती कि वकीलों को कुछ लोगों की पैरवी नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगर सेन उनकी पेशेवर सहायता चाहते हैं तो मैं उनके लिए काम करूंगा, उनका मुकदमा लड़कर मुझे खुशी होगी.

जेठमलानी ने कहा कि वह छत्तीसगढ़ की अदालत की आलोचना नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने फैसला नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि मुकदमा काफी कमजोर है. मुझे लगता है कि सेन को गलती से दोषी ठहराया गया है.

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पूर्व मुख्य न्यायाधीश ए एम अहमदी ने कहा कि वह इस फैसले से हतप्रभ हैं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार को आतंकवाद के बराबर ठहरा दिया गया है.

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