नेपाल में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) के अध्यक्ष झालानाथ खनल को गुरुवार को देश का प्रधानमंत्री चुन लिया गया. सीपीएन माओवादी प्रमुख पुष्प कमल दहल प्रचंड के आखिरी समय में खनल के समर्थन में प्रधानमंत्री की दौड़ से हटने के बाद ही उनके इस पद पर चुने जाने का रास्ता साफ हो पाया.
इसके साथ ही देश में सरकार गठन को लेकर पिछले सात महीने से जारी गतिरोध भी समाप्त हो गया. संसद अध्यक्ष ने घोषणा की कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) के 60 वर्षीय नेता खनल को 601 सदस्यीय संसद में पड़े कुल 557 मतों में से 368 मत प्राप्त हुए.
नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और वह कामचलउ गठबंधन का नेतृत्व कर रही है और उसे सीपीएन माओवादी का समर्थन मिला. इससे पहले सीपीएन माओवादी ने आश्चर्यजनक रूप से प्रचंड का नाम प्रधानमंत्री की दौड़ से वापस लेकर कम्युनिस्ट प्रत्याशी खनल को समर्थन देने का निर्णय किया. {mospagebreak}
नेपाल की संसद ने नये प्रधानमंत्री के लिए संशोधित चुनाव नियमों के तहत मतदान किया. नेपाली संसद में नये नियम माओवादियों के दबाव में प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल के पद से इस्तीफा देने के बाद उत्पन्न गतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से तैयार किये गये थे. नये नियमों के तहत कोई भी सांसद मतदान के दौरान सदन में अनुपस्थित नहीं रह सकता.
देश में अंतरिम संसद 601 सदस्यीय संविधान सभा में यूसीपीएन माओवादी के पास 238 सीटें तथा सीपीएन यूएमएल के पास 108 सीटें हैं. दूसरी सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने आर सी पौडयाल को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना प्रत्याशी बनाया था. पौडयाल को 122 मत मिले. संसद में पार्टी के 114 सांसद हैं.
इसके अलावा मधेसी पीपुल्स राइट्स फोरम डेमोक्रेटिक के अध्यक्ष विजय गछादर को 67 मत मिले. पिछले सप्ताह राष्ट्रपति रामबरन यादव ने संसद को प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए बहुमत के आधार पर नयी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था. पौडयाल 16 दौर के मतदान में बहुमत प्राप्त करने में असफल रहे जिसके कारण उन्हें इस दौड़ से बाहर होना पड़ा.