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भारत-पाक के बीच जारी रहेगी वार्ता

भारत ने पाकिस्तान से दो टूक लफ्जों में कह दिया कि कश्मीर अथवा अन्य किसी भी मुद्दे का हल बंदूक के साये में नहीं हो सकता. दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास बहाली से जुड़े मुद्दों पर ‘संतोषजनक’ बातचीत हुई.

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भारत ने पाकिस्तान से दो टूक लफ्जों में कह दिया कि कश्मीर अथवा अन्य किसी भी मुद्दे का हल बंदूक के साये में नहीं हो सकता. दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास बहाली से जुड़े मुद्दों पर ‘संतोषजनक’ बातचीत हुई.

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दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता के दूसरे और और आखिरी दिन भारत ने कहा कि पाकिस्तान में मुंबई हमले की सुनवाई का संतोषजनक समापन होना चाहिए और इससे रिश्तों को सामान्य बनाने में मदद मिलेगी. पाकिस्तान ने आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोगात्मक रवैया अपनाने पर जोर दिया.

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव निरुपमा राव और उनके पाकिस्तानी समकक्ष सलमान बशीर ने कहा कि दोनों पक्षों में बातचीत बेहद सकारात्मक और उद्देश्यपूर्ण रही है. बातचीत के दौरान परमाणु और पारंपरिक विश्वास बहाली के उपायों पर भी चर्चा की गई. इस दौरान दोनों पक्षों ने विशेषज्ञ स्तर की बैठकें आयोजित करने पर सहमति जताई. नियंत्रण रेखा के दोनों ओर से परस्पर विश्वास बहाली पर कार्यसमूह की बैठक पर सहमति जताई गई ताकि व्यापार और यात्रा संबंधी बिंदुओं पर आगे बढ़ा जा सके. इस कार्यसमूह की बैठक अगले महीने होगी.

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निरुपमा राव ने कहा, ‘हमें बंदूक के साये से बाहर निकलना होगा. बंदूक और चरमपंथ के जरिए जम्मू एवं कश्मीर जैसे जटिल मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमें एक-एक कदम करके शांति और सुलह की दिशा में आगे बढ़ना होगा. आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल में ही हम किसी जटिल मुद्दे के समधान के बारे में चर्चा कर सकते हैं.’

भारतीय विदेश सचिव ने कहा, ‘हिंसा का दौर खत्म होना चाहिए. 21वीं सदी में सैन्य संघर्ष के लिए कोई स्थान नहीं है. शांति के लिए आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल का होना जरूरी है.’ पाकिस्तानी विदेश सचिव बशीर ने कहा कि दोनों पक्षों ने कश्मीर मुद्दे पर अपने ‘सर्वविदित’ रुख को दोहराया, हालांकि आगे भी बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई.

साझा बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की और इस पर आगे भी उद्देश्यपूर्ण तरीके से बातचीत करनी होगी कि ताकि इसका शांतिपूर्ण समधान निकाला जा सके. परस्पर विश्वास बहाली के उपायों का हवाला देते हुए बशीर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में और ज्यादा ‘सहजता और राहत’ पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है.

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पाकिस्तान के समक्ष मुंबई हमले की जांच और सुनवाई का मुद्दा उठाया तो निरुपमा ने कहा, ‘निश्चित तौर पर, यह मुद्दा भरत के लिए बेहद अहम है.’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर गृह सचिव स्तर की वार्ता में चर्चा की गई थी और उन्होंने इस चर्चा को आगे बढ़ाया. बशीर ने कहा कि पाकिस्तान मुंबई मुद्दे पर भारत की चिंताओं को समझता है.

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उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद से दोनों देशों को खतरा है. आतंकवाद का खात्मा सहयोगात्मक रवैये से होना चाहिए.’ पाकिस्तान के एक पत्रकार की ओर से समझौता मामले से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर निरुपमा ने कहा कि भारत ने वादा किया है कि जांच पूरी हो जाने पर नतीजे को पाकिस्तान के साथ साझा किया जाएगा.

साझा बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने धार्मिक स्थलों की यात्राएं करने, मीडिया क्षेत्र में आदान-प्रदान, खेल प्रतिस्पर्धाओं के आयोजन और एक दूसरे के खिलाफ दुष्प्रचार पर विराम लगाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई. दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि परस्पर रिश्ते का मित्रतापूर्ण होना जरूरी है और इसके साथ ही वीजा समझौते की दिशा में हुई प्रगति पर संतोष जताया गया. साझा बयान में कहा गया कि दोनों देशों के विदेश सचिव अगली बार नयी दिल्ली में मिलेंगे. इसकी तिथि के बारे में फैसला कूटनीतिक माध्यमों से किया जाएगा. अगली बार दोनों विदेश सचिव विदेश मंत्रियों की मुलाकात की पृष्ठभूमि तैयार करेंगे.

बयान में कहा गया, ‘दोनों देशों ने वीजा समझौते को लेकर हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया. इससे वीजा प्रणाली और आम लोगों के बीच संपर्क को असान बनाया जा सकेगा.’ दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की. विदेश सचिव इस बात पर भी सहमत हुए कि मानवीय मुद्दों का हल प्राथमिकता और पूरी संवेदनशीलता के साथ होना चाहिए.

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