सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सौमित्र सेन के इस्तीफे को अधिसूचित करने का आसामान्य कदम उठाया, जिससे इस संभावना को बल मिला कि सोमवार को लोकसभा में उनके खिलाफ होने वाली महाभियोग की कार्यवाही रुक सकती है. बहरहाल, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई.
राज्यसभा में महाभियोग की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद और लोकसभा में ऐसी कार्यवाही होने के ठीक पहले न्यायमूर्ति सेन के इस्तीफे से सरकार के लिए अटपटी सिथति पैदा हो गई है.
ज्यादातर कानूनी विशेषज्ञों की राय है कि न्यायाधीश के इस्तीफे के बाद निचले सदन की कार्यवाही निष्फल हो गई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में कार्यवाही जारी रखने के पक्ष में भी कुछ आवाजें अब भी उठ रही हैं.
सामान्य परिस्थिति में संवैधानिक अधिकारी के इस्तीफे को लेकर अधिसूचना की जरूरत नहीं पड़ती और उचित प्रारूप में पाए जाने पर इसे स्वीकार हुआ मान लिया जाता है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘न्याय मंत्रालय ने न्यायमूर्ति सौमित्र सेन के इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रपति की सहमति के लिए अधिसूचना भेजी है, जिसपर उन्होंने हैदराबाद से आने के बाद हस्ताक्षर किए.’’