नाटो हेलीकॉप्टरों ने अफगानिस्तान के एक प्रमुख होटल पर धावा बोलने वाले तालिबान के बंदूकधारी लड़ाकों पर राकेट दागे जबकि पांच घंटे तक चली मुठभेड़ में सभी नौ हमलावर समेत 21 लोग मारे गए.
अधिकारियों ने बताया कि इंटर-कांटिनेंटल होटल पर रात भर चली कार्रवाई में सभी बंदूकधारी मारे गए. सन् 1960 के दशक के इस सरकार होटल में जब आतंकवादियों ने हमला किया तब यहां अफगान सुरक्षा सम्मेलन चल रहा था और एक बड़ी शादी पार्टी चल रही थी. यह होटल वैश्विक इंटर कॉन्टिनेंटल की श्रृंखला का हिस्सा नहीं है.
गृहमंत्रालय ने कहा है कि इस आतंकवादी हमले में नौ अफगान नागरिक और दो पुलिस अधिकारी मारे जबकि 18 अन्य घायल हो गए. अफगान नागरिकों में ज्यादातर होटल के कर्मचारी हैं. मंत्रालय के अनुसार मारे गए नौंवे तालिबान आतंकवादी की पहचान हो गयी है.
गृहमंत्रालय और मैड्रिड में स्पेन सरकार ने कहा है उसका एक नागरिक भी इस होटल में मारा गया जो तुर्की एयरलाइन में कथित रूप से पायलट था.
गृहमंत्रालय के प्रवक्ता सेद्दिक सेद्दिकी ने बताया आतंकवादी हमले में मारे गए होटल के कर्मचारी उस समय होटल के पहले तल और लॉबी में थे जब तालिबान हमलावारों ने हमला हुआ.
होटल में जो लोग ठहरे हुए थे वे प्रांतीय सरकार के अधिकारी थे और विदेशी सुरक्षा बलों अफगान सुरक्षा बलों को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपने पर होने वाले सम्मेलन के लिए काबुल आए थे. देश के रक्षा विभाग ने कहा कि इस कार्रवाई में अफगान कमांडो की सहायता करने वाले न्यूजीलैंड के विशेष बल के दो सैनिकों को मामूली चोटें आयी हैं.
पुलिस के अनुसार हमलावर होटल तक जाने वाले उस रास्ते से नहीं गए जहां कड़ी सुरक्षा रहती है. उन्होंने उत्तरी ढलान से पेड़ों के झुरमुट वाले स्थान से मंगलवार की रात 11 बजे होटल पर धावा बोला.
नॉटो के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल के प्रवक्ता मेजर टिम जेम्स ने बताया कि आईएसएएफ ने अफगान अधिकारियों के अनुरोध पर एक हेलीकॉप्टर तैनात किया था.
उन्होंने बताया, ‘इस हेलीकॉप्टर ने कई बार होटल के उपर चक्कर लगाया और आत्मघाती जैकेट पहने हमलावरों की पहचान की जो अपने हथियारों से लैस होकर हमला कर रहे थे. उसके बाद वे उनके साथ भिड़ गए.’ जेम्स ने कहा, ‘हमें खबर मिली है कि कुछ विस्फोट भी किए गए. हो सकता है कि यह विस्फोट उग्रवादियों द्वारा खुद को उड़ाने से हुआ हो या हेलीकॉप्टर से हमले करने पर उग्रवादियों की आत्मघाती जैकेटों में विस्फोट हुआ हो.’
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नाटो का हेलीकॉप्टर अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर था. होटल के एक कर्मचारी एजाजुल्ला ने बताया कि देर रात हुए हमले के बाद जब गोलीबारी होने लगी तो वह पांचवी मंजिल पर एक कमरे में छिप गया. उसने कहा, ‘पहले गोलियां चलीं और फिर दो विस्फोट हुए. फिर लगातार गोलियां चलीं. मैं जिस कमरे में छिपा था वह धुएं से भर गया था.’ उसने कहा, ‘मुझे निकलना पड़ा. जब मैं बाहर आया तो चारों तरफ खून के धब्बे नजर आ रहे थे, उसी बीच पुलिस आयी और वह मुझे भवन से बाहर ले गयी.’
इसी बीच तालिबान के प्रवक्ता जबीबुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इस हमले के पीछे उसका हाथ है. हमले के बाद काबुल में स्थित अन्य होटलों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई. अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, ‘अमेरिका काबलु में स्थित इंटरकांटीनेंटल होटल पर हमले की कड़ी निंदा करता है जिससे एक बार फिर साबित होता है कि आतंकवादियों को मानव जीवन की कोई परवाह नहीं है.’
तालिबान के हमलावरों का यह हमला राजधानी काबुल में अब तक का सबसे बड़ा हमला था. इस हमले से तालिबान संभवत: यह जताना चाहता था कि वह ऐसे समय सत्ता के केन्द्र पर हमले संचालित करने में सक्षम है जब अमेरिका तकरीब 10 साल चली जंग में प्रगति होने का बयान दे रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले ही हफ्ते अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा की थी और कहा था कि काबुल प्रांत के ज्यादातर इलाकों समेत अफगानिस्तान के अनेक इलाकों में सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगानों को सुपुर्द कर दी जाएगी. इस घोषणा के एक हफ्ते से भी कम समय बाद तालिबान ने यह हमला किया. कई घंटों तक संघर्ष के बाद नाटो हेलीकॉप्टरों ने तकरीबन तीन बजे तडके पांच मंजिला होटल की इमारत की छत पर हमला किया जहां उग्रवादियों ने मोर्चा संभाल रखा था.
बहरहाल, तालिबान हमले का पटाक्षेप कुछ घंटों बाद तब हुआ जब होटल के एक कमरे में छिपे एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया. यह होटल में आखिरी धमाका था जो मृतकों और घायलों को एंबुलेंसों में ले जाए जाने के कई घंटे बाद हुआ.
अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के प्रवक्ता लतीफुल्ला मशाल ने बताया कि इस हमले में आत्मघाती हमलावरों ने खुद को विस्फोट कर उड़ा लिया या फिर अफगान या गठबंधन बलों के हाथों मारे गए. राजधानी में एक सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हेलमंड प्रांत के खुफिया प्रमुख नजर अली वाहिदी ने बताया, ‘हमारा कमरा कई गोलियों की चपेट में आया. हम सारी रात अपने कमरे में रहे.’ एक फोटोग्राफर ने कार्रवाई के बाद करीब पश्चिमी विशेष बल के छह सैनिकों को होटल से बाहर निकलते हुए देखा.
हमले की वजह से होटल में मौजूद लोग घबरा गए और उन्हें उनके कमरों में ही रहने को कहा गया. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें आशंका है कि हमलावर आत्मघाती जैकेट, मशीनगन और रॉकेट से दागे जाने वाले ग्रेनेड कड़ी सुरक्षा जांच से किसी तरह छिपाने में सफल हो गए होंगे.
जेम्स ने कहा, ‘हमें खबर मिली है कि कुछ विस्फोट भी किए गए. हो सकता है कि यह विस्फोट उग्रवादियों द्वारा खुद को उड़ाने से हुआ हो या हेलीकॉप्टर से हमले करने पर उग्रवादियों की आत्मघाती जैकेटों में विस्फोट हुआ हो.’ होटल के एक कर्मचारी एजाजुल्ला ने बताया कि देर रात हुए हमले के बाद जब गोलीबारी होने लगी तो वह पांचवी मंजिल पर एक कमरे में छिप गया. उसने कहा, ‘पहले गोलियां चलीं और फिर दो विस्फोट हुए. फिर लगातार गोलियां चलीं. मैं जिस कमरे में छिपा था वह धुएं से भर गया था.’
इस हमले के बाद काबुल में स्थित अन्य होटलों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई. अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, ‘अमेरिका काबलु में स्थित इंटरकांटीनेंटल होटल पर हमले की कड़ी निंदा करता है जिससे एक बार फिर साबित होता है कि आतंकवादियों को मानव जीवन की कोई परवाह नहीं है.’