लंदन में 2009 में क्वीन बेटंस रिले आयोजित करने के मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किये गये राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अधिकारी एम जयचंद्रन को बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने जमानत प्रदान कर दी.
न्यायमूर्ति हीमा कोहली ने जयचन्द्रन को जमानत प्रदान की. जयचन्द्रन राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी के प्रमुख सहायक थे. उन्हें जमानत इसलिए प्रदान की गयी क्योंकि सीबीआई अपनी जांच पूरी करके निर्धारित 60 दिन की अवधि के भीतर मामले में आरोपपत्र दायर करने में विफल रही.
अदालत ने जयचन्द्रन को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के संयुक्त निदेशक (वित्त) को सीबीआई ने 21 नवंबर को गिरफ्तार किया था. जमानत याचिका के समर्थन में दलील देते हुए उनके वकील ने 17 जनवरी को कहा था कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि जयचन्द्रन का क्वीन बेटंस रिले में हुए कथित वित्तीय अनियमितताओं में ऐसी कोई भूमिका नहीं है जिसे आपराधिक कृत्य करार दिया जा सके. जयचन्द्रन को हिरासत में लेने से पहले दो सह अभियुक्त टी एस दरबारी और संजय महेन्द्रू को 15 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. दोनों को भी इसलिए जमानत मिल गयी थी क्योंकि सीबीआई अपनी जांच पूरी करने और निर्धारित समय में आरोपपत्र पेश करने में विफल रही थी.
जयचन्द्रन के वकील ने दावा किया कि क्वीन बेटंस रिले आयोजित करने के लिए ठेके देने का फैसला राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति ने किया था. उन्होंने कहा, ‘मुझे केवल यही देखना था कि ठेकों को उपयुक्त मंजूरी मिली है या नहीं. मेरी कोई अन्य भूमिका नहीं थी.’
बहरहाल, सीबीआई के वकील ने उनके अनुरोध का विरोध किया तथा इन आरोपों के समर्थन में कुछ दस्तावेज पेश किया कि आरोपी ने मामले में सक्रिय भूमिका निभायी थी. तीनों आरोपियों पर यह आरोप है कि उन्होंने लंदन में 29 अक्तूबर 2009 में क्वीन बेटंस रिले आयोजित करने के लिए ठेके देकर सरकारी खजाने को 1.55 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया. सीबीआई ने लंदन की कंपनियों ए एम फिल्म्स और एएम कार तथा वैन हायर लिमिटेड को अनापशनाप दामों पर ठेके देने के सिलसिले में दो मामले दर्ज किये हैं.