टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार द्रमुक सांसद कनिमोझी और तीन अन्य जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचे.
दो दिन पहले विशेष अदालत द्वारा जमानत से इंकार किए जाने के बाद शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत के लिए पहुंचने वालों में कनिमोझी के अतिरक्त द्रमुक संचालित कलेंगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार और कुशेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल शामिल थे.
द्रमुक प्रमुख की बेटी कनिमोई 20 मई को अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं. बृहस्पतिवार को निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया जबकि सीबीआई ने उनके और चार अन्य के द्वारा दायर जमानत आग्रह का विरोध नहीं किया था.
विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने उन्हें यह कहकर जमानत देने से इंकार कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और उनके जमानत आग्रह पर सीबीआई द्वारा आपत्ति नहीं जताए जाने का ‘कानून की नजरों में कोई असर नहीं होगा.’
सीबीआई ने कनिमोझी कलेंगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स के निदेशकों आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल तथा बॉलीवुड के फिल्म निर्माता करीम मोरानी की जमानत याचिकाओं का विरोध नहीं करने का फैसला किया था. मोरानी का नाम 25 अप्रैल को दायर पूरक अरोप पत्र में आया था. आरोपियों में कुछ पिछले पांच तो कुछ नौ महीने से जेल में बंद हैं.