सुप्रीम कोर्ट ने 2-जी घोटाला मामले में द्रमुक सांसद कनिमोझी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई और उनकी जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर 20 जून (सोमवार) तक जवाब दाखिल करने को कहा.
द्रमुक अध्यक्ष एम करूणानिधि की पुत्री कनिमोझी (43) और कलेंगनर टीवी के महाप्रबंधक शरद कुमार ने अपनी जमानत की अपीलें ठुकराए जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की एक अवकाश पीठ दोनों की जमानत अपीलों पर सुनवाई को एक हफ्ते के लिए टालते हुए सीबीआई से जवाब मांगा.
हाई कोर्ट ने 8 जून को यह कहते हुए दोनों की जमानत की अपीलें खारिज कर दी थीं कि उनके राजनीतिक संबंध बहुत व्यापक एवं गहरे हैं तथा उनके द्वारा गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
इस मामले में कनिमोझी और कुमार की जमानत की अपीलें विशेष अदालत द्वारा खारिज किए जाने के बाद दोनों को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था. कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के लिए दोनों का नाम दूसरे आरोपपत्र में आरोपी के तौर पर है.
कलेंगनर टीवी प्रा लि में कनिमोई और कुमार दोनों की 20 फीसदी की हिस्सेदारी है. आरोप है कि कलेंगनर टीवी प्रा लि को शाहिद बलवा की कंपनी डी बी रियलिटी की ओर से विभिन्न माध्यमों से कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये दिए गए. करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल की इस चैनल में 60 फीसदी की हिस्सेदारी है. उनका नाम आरोपियों की सूची से हटाया जा चुका है.
कनिमोझी और कुमार ने अपनी जमानत की अपीलें खारिज किए जाने के निचली अदालत के फैसले को 23 मई को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
सीबीआई के विशेष जज ओ पी सैनी ने 20 मई को कनिमोझी और कुमार की जमानत की अपीलें खारिज कर दी थीं और उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था. वर्तमान में कनिमोझी और कुमार तिहाड़ जेल में हैं और अब इस महीने की 20 तारीख तक वहीं रहेंगे.