सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ टू जी स्पेक्ट्रम मामले में द्रमुक सांसद कनिमोझी और कलेंगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. इस मामले की सुनवाई कर रहे दो न्यायाधीशों ने खुद को इससे अलग कर लिया है.
कोनिमोझी को अपनी जमानत याचिका के बारे में अदालत को समझाने में कठिनाई पेश आ सकती है. इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी के नेतृत्व वाली पीठ करेगी. न्यायमूर्ति सिंघवी प्रारंभ से इस मामले की निगरानी कर रहे हैं और वे करोड़ों रुपये के इस घोटाले में प्रभावशाली लोगों की भूमिका के बारे में सरकार से सवाल कर चुके हैं.
बहरहाल, द्रमुक प्रमुख करूणानिधि की 43 वर्षीय पुत्री कनिमोझी के लिए यह आखिरी उम्मीद है. उनकी जमानत याचिका पहले विशेष सीबीआई अदालत और फिर दिल्ली उच्च न्यायालय खारिज कर चुकी है. कनिमोझी पिछले करीब एक महीने से जेल में हैं.
कनिमोझी और कुमार पर सीबीआई ने कलेंगनर टीवी में 200 करोड़ रुपये का अवैध लेनदेन करने का आरोप लगाया है जो कथित तौर पर इस घोटाले से फायदा पाने वाले एक दूरसंचार परिचालक द्वारा घूस के रूप में दिया गया था.
सीबीआई ने शीर्ष अदालत में अपने हलफनामे में कहा कि अगर उन्हें रिहा किया गया तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है.
इससे पहले दो न्यायाधीशों न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति ए के पटनायक ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया था.