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धर्मशाला: करमापा के जवाब से संतुष्‍ट नहीं पुलिस

तिब्बती धर्मगुरु करमापा के मठ में साढ़े 6 करोड़ रुपये कहां से आए, इस सवाल को सुलझाने के लिए हिमाचल प्रदेश की पुलिस टीम धर्मशाला में करमापा के मठ में पहुंची.

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तिब्बती धर्मगुरु करमापा के मठ में साढ़े 6 करोड़ रुपये कहां से आए, इस सवाल को सुलझाने के लिए हिमाचल प्रदेश की पुलिस टीम धर्मशाला में करमापा के मठ में पहुंची.

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बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर को पूछताछ के दौरान करमापा के दिए जवाब से पुलिस संतुष्‍ट नहीं है. पुलिस उनसे एक बार फिर पूछताछ कर सकती है.

पुलिस के पास पच्चीस सवालों की फेहरिस्त है. सूत्रों के मुताबिक ये कार्रवाई केंद्रीय गृहमंत्रालय के दिशा-निर्देशों पर की जा रही है. सवालों में पैसे कहां से आए, कैसे आए और करमापा की संपत्तियों का ब्योरा क्या है, जैसे मसले शामिल हैं.

उधर दलाई लामा ने भी कहा है कि करमापा के मठ से बरामद हुआ पैसा मुमकिन है कि भारत और विदेश के श्रद्धालुओं से दान में आया होगा.

बौद्ध मठ में चीनी पैसो का मिलना क्या इन मठों में चीनी पैठ साबित करती है? क्या 17वें करमापा का भी चीन से कोई नाता है? ये सवाल जांच एजेंसियों को परेशान कर रही हैं. मालूम करने की कोशिश हो रही है कि क्या है करमापा का चीनी कनेक्शन.

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17वें करमापा के धर्मशाला के मठ में 24 देशों के नोट मिले हैं. इनमें सबसे ज्यादा चीन के ही नोट थे. सवाल यह है कि क्‍या ये नोट करमापा के मठ को चीन से जोड़ते हैं. सवाल ये भी उठने लगे हैं कि क्या खुद करमापा चीनी अधिकारियों के संपर्क में थे. क्या ये बरामदगी करमापा का चीनी कनेक्शन जाहिर करते हैं?

इस वक्त जांच एजेंसियां इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ रही है. {mospagebreak}जानकारों की राय में चीन भारत में जासूसी का जाल बिछाने की कोशिश करता रहा है. सूत्रों के मुताबिक जांचकर्ताओं को शक है कि करमापा के मठ से मिले नोट लद्दाख से तवांग तक के बौद्ध मठों पर बीजिंग का वर्चस्व कायम करने की चीनी साजिश का हिस्सा हो सकते हैं.

जांच से जुड़े सूत्र बताते हैं कि भारत में बौद्ध मठों पर चीनी वर्चस्व स्थापित करने में करमापा चीनी अधिकारियों की मदद कर रहे थे. हो सकता है कि इसके पीछे तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को कमजोर करना भी मकसद हो.

जानकारों की राय है कि चीन भारत में अपने जासूसी का जाल बिछाने की कोशिश करता रहा है. करमापा के मठ से चीनी नोटों का मिलना इस ओर भी इशार कर रही हैं.

खुफिया एजेंसियों को करमापा उग्‍येन थ्रिनले दोरजी के गुरु पर भी चीन का एजेंट होने का शक था. करमापा के गुरु ताई सीतु रिंपोछे को बौद्ध मठ बनाने में चीनी निवेश और चीन के साथ संबंधों के चलते उन्हें भारत छोडऩे का आदेश भी दिया गया था.{mospagebreak}

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सूत्रों की मानें तो खुफिया एजेंसियों को मठ तक पैसे पहुंचने की भनक थी, वो लगातार हालात पर नजर बनाए हुए थे. लेकिन ये पैसे कब और कैसे पहुंच रहे हैं, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं थी. अबतक जो सबूत मिल रहे हैं, उसके मुताबिक ये पैसे हवाला के जरिए ही मठ तक पहुंचाए गए हैं. करमापा के मठ से मिले पैसों का चीनी कनेक्शन अगर जांच एजेंसियों ने ढूंढ लिया, तो जाहिर है भारतीय सीमा में चीनी दखल की कोशिशों का ये बड़ा सबूत बनेंगी.

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