भाजपा आलाकमान की ओर से स्वयं को हटाए जाने के संकेतों के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार सुबह खुद दिल्ली पहुंचने की बजाय मंत्रिमंडल के अपने भरोसेमंद सहयोगी वीएस आचार्य को दिल्ली भेज दिया. वीएस आचार्य ने कहा है कि येदियुरप्पा मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे.
वीएस आचार्य के बयान के बादजूद इस मसले पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कथित भूमि घोटाले के चलते पद छोड़ने के लिए जबर्दस्त दबाव का सामना कर रहे येदियुरप्पा अपने रुख पर अड़े हैं. रविवार रात अपनी दिल्ली यात्रा स्थगित करने के बाद उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को संकेत दिए कि वह इस्तीफा नहीं देंगे.
येदियुरप्पा ने आचार्य और गृहमंत्री आर अशोक सहित अपने वफादारों की टीम दिल्ली भेजी है, ताकि वह राज्य में नेतृत्व परिवर्तन न करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को मना सकें.
भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री को तलब करते हुए सोमवार सुबह दिल्ली पहुंचने का निर्देश दिया था, लेकिन वे सत्य साईं बाबा का ‘‘आशीर्वाद मांगने’’ के लिए आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्ती रवाना हो गए.
सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा सत्य साईं बाबा के 85वें जन्मदिवस समारोह में भाग लेने उनके आश्रम गए हैं. पार्टी सूत्रों ने कहा कि येदियुरप्पा को मिलने के लिए निर्देश देने वाले भाजपा नेतृत्व ने उनके एक बेटे के मार्फत यह संदेश भेजा है कि मुख्यमंत्री सोमवार को पद छोड़ दें.{mospagebreak}
येदियुरप्पा के विश्वासपात्रों का यह दल आलाकमान को प्रदेश में नेतृत्व में बदलाव न करने के संबंध में मनाने में जुटा है. मुख्यमंत्री को अपने बचाव के लिए दिल्ली जाने के बारे में अभी फैसला करना शेष है.
पार्टी की कोर समिति की रविवार को दिल्ली में बैठक हुई. इस बैठक में येदियुरप्पा के पद पर बने रहने के बारे में फैसला करने का जिम्मा पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को सौंपा गया.
समझा जा रहा है कि येदियुरप्पा ने पार्टी आलाकमान को चेतावनी दी है कि उनके जाने से दक्षिण में भाजपा की पहली सरकार पर खासा असर पड़ेगा, जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है. मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी भी येदियुरप्पा के बारे में मुंह नहीं खोल रहे हैं.