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कर्नाटक: विधानसभा अध्‍यक्ष ने 16 विधायकों को अयोग्‍य ठहराया

सत्तारूढ़ भाजपा के 11 विधायकों सहित 16 बागी विधायकों को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने आज सदन में होने वाले विश्वास मत पर मतदान से पहले अयोग्य करार दिया है.

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सत्तारूढ़ भाजपा के 11 विधायकों सहित 16 बागी विधायकों को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने आज सदन में होने वाले विश्वास मत पर मतदान से पहले अयोग्य करार दिया है.

विधानसभा सूत्रों ने बताया कि अध्यक्ष के जी बोपैया ने रविवार रात अयोग्य करार देने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर किये. इससे पूर्व राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने उन्हें यह निर्देश दिया कि सदन में छह अक्तूबर के समय वाली स्थिति को बरकरार रखा जाये.

बागी विधायकों ने छह अक्तूबर को सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. विधानसभा अध्यक्ष बोपैया ने अपने आदेश में कहा कि संविधान के दसवें अनुच्छेद की परिकल्पना के अनुसार बनाये गये दल बदल विरोधी कानून के प्रावधान के तहत इन 16 विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है.

अयोग्य करार दिये गये भाजपा विधायकों में बालचंद्र जरकिहोली, बी गोपाल कृष्ण, आनंद असनोतिकर, डा. सर्वभौम बागली, वी नगाराजू, राजे खागे, वाई संपांगी, ननजुंडास्वामी, एस के बेल्लुबी, एच एस शंकर लिंगेगौड़ा और शिवानगौड़ा नाइक शामिल हैं.

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पूर्व मंत्रियों वेंकटरमनप्पा, शिवराज तंगाडागी, जी शेखर और एम पी नरेन्द्रस्वामी तथा निर्दलीय विधायकों को भी अयोग्य करार दिया गया है.

इस आदेश के बाद 224 सदस्यीय विधानसभा की सदस्य संख्या घटकर 208 रह गयी है. सत्तारूढ़ पार्टी की सदस्य संख्या 117 से घटकर 106 रह गयी है जबकि विपक्ष और जदएस की कुल सदस्य संख्या 101 : कांग्रेस 73 और जदएस 28 : है.

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा विधानसभा में विश्वास मत पेश करेंगे. सदन की बैठक सुबह दस बजे शुरू होनी है.

इस बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जदएस नेता एच डी कुमारस्वामी ने अयोग्य करार दिये जाने आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए आलोकतांत्रिक तरीके अपनाये हैं.

अयोग्य करार दिये गये विधायकों में से एक जरकिहोली ने कहा कि बागी विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को चुनौती देंगे और राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. निर्दलीय विधायक अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं. राज्यपाल भारद्वाज ने संविधान के अनुच्छेद 175:2: के तहत कल विधानसभा अध्यक्ष को यह सलाह दी थी कि सदन का स्वरूप नहीं बदला जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि शक्ति परीक्षण में सभी सदस्य भाग ले सकें.

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