कर्नाटक में एक नए राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने आज मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को विधानसभा में गुरुवार के दिन बहुमत साबित करने के लिए एक और मौका देने की पेशकश की.
यह कहते हुए कि विधानसभा में कल हासिल किया गया विश्वास मत ‘कानून के अनुरूप नहीं’ था. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आज कहा कि वह बहुमत साबित नहीं कर पाए. राज्यपाल ने सोमवार को इस आधार पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी कि सदन में हासिल किया गया विश्वास मत ‘असंवैधानिक’ था.
माना जाता है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से अपने पत्र में यह कहा है कि वह उन्हें 14 अक्तूबर को बहुमत साबित करने के लिए एक और मौका देने को तैयार हैं.
राज्यपाल ने यह पेशकश ऐसे समय की है जब कर्नाटक उच्च न्यायालय विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया द्वारा अयोग्य ठहराए गए 16 विधायकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई शुरू कर चुका है. इन विधायकों ने खुद को अयोग्य घोषित किए जाने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी है.
कल शोरशराबे के बीच बोपैया ने घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री द्वारा पेश किया गया विश्वास मत प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किया जाता है. विपक्षी दलों ने हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई की यह कहते हुए आलोचना की कि मत विभाजन नहीं कराया गया और सरकार का समर्थन कर रहे विधायकों से अधिक संख्या में सरकार का विरोध करने वाले विधायक थे.
विधानसभा अध्यक्ष ने हालांकि तर्क दिया कि किसी भी सदस्य ने मत विभाजन की मांग नहीं उठाई.