अजमल कसाब के वकील के पी पवार ने मुकदमे में गुरुवार को अपनी अंतिम दलील देते हुए कहा कि उनका मुवक्किल गांव का एक निर्दोष लड़का है जिसे पाकिस्तानी होने के कारण मुंबई हमले के मामले में बलि का बकरा बनाया गया है.
पवार ने विशेष अदालत में कहा, ‘कसाब का 26 नवंबर के हमले के षड़यंत्रकारियों से कोई संबंध नहीं है. उसे पुलिस ने सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि वह पाकिस्तानी है और पुलिस के अनुसार हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी.’ इससे पहले, कसाब ने अदालत के समक्ष इसी तरह का रुख अपनाया था जब उसने अदालत में साक्ष्यों को दर्ज किए जाने के बाद अपना वक्तव्य दिया था.
पवार ने कहा कि कसाब ने 26 नवंबर से एक पखवाड़े पहले मुंबई आया था और पुलिस ने उसे उपनगरीय जूहू चौपाटी इलाके से उस वक्त गिरफ्तार किया था जब वह वहां घूम रहा था. पवार ने विशेष न्यायाधीश एम एल टहलियानी से कहा, ‘कसाब पाकिस्तान में एक छोटे गांव का निर्दोष लड़का है जो पुलिस का आसान शिकार और निशाना बन गया.’ पवार ने कहा कि चुंकि हमला करने वाले सभी 10 आतंकवादी मारे गए इसलिए पुलिस को यह दिखाने के लिए किसी को गिरफ्तार करना था कि एक षड़यंत्रकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘पुलिस 35 फरार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सक्षम नहीं हो सकी है और इसलिए निर्दोष व्यक्ति को निशाना बना रही है.’ पवार के अनुसार तस्वीरों, सीसीटीवी फुटेज और डीएनए परीक्षणों के आधार पर अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्ष्य ‘फर्जी, मनगढ़ंत और अविश्वसनीय’ हैं.
मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष कसाब के अपना अपराध कबूलने और विशेष अदालत के समक्ष खुद को दोषी मान लेने के बारे में पवार ने कहा कि यह पुलिस के दबाव में किया गया. उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने आश्वासन दिया था कि उसे कम सजा दी जाएगी और अगर वह अपना दोष कबूल कर लेता है तो उसे इस जेल से स्थानांतरित कर दिया जाएगा.’ पवार ने बाद में दलील दी कि पुलिस ने कसाब के खिलाफ बयान देने के लिए गवाहों को सिखाया पढ़ाया. पवार शुक्रवार को भी अपनी दलील जारी रखेंगे.
इसके बाद दो अन्य अभियुक्तों फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद के वकील अंतिम दलील देंगे. अदालत तब एक तारीख तय करेगी जिसमें वह मामले में अपना फैसला पारित करेगी. कसाब, अंसारी और अहमद को 26 नवंबर के हमले की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और कुछ अन्य घायल हुए थे.