पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने ‘आतंकवादी’ अजमल कसाब के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए कहा है कि न्यायिक आयोग की भारत यात्रा से पाकिस्तान में मुंबई हमला संबंधी मुकदमा शीघ्र निपटाने में मदद मिलेगी.
द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के लिए दोनो देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच मुलाकात के दौरान मलिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘कसाब एक आतंकवादी है. वह किसी शासन की हदों से परे है. उसे फांसी दी जानी चाहिए.’
मलिक ने कहा कि पाकिस्तान सरकार न्यायिक आयोग की भारत यात्रा का इंतजार कर रही है ताकि कुछ सबूत मिलें और अगर हमारे पास ‘ठोस सुबूत’ होंगे तो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘वह आयोग भारत जाएगा, उसके निष्कर्ष पाकिस्तान में न्यायिक प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण होंगे. जब उनके निष्कर्ष होंगे तो वह तमाम कानूनी पहलुओं पर रौशनी डालेंगे तो इस संबंध में न्यायिक तौर पर कोई प्रगति होगी.’
यह पूछे जाने पर न्यायिक आयोग भारत में कितने दिन रुकेगा, मलिक ने कहा कि आयोग तीन-चार दिन तक वहां रुकेगा, जब तक आप उन्हें ‘मेहमान के तौर पर स्वीकार करेंगे.’
उनसे पूछा गया कि मुकदमा कब खत्म होगा तो मंत्री का जवाब था कि जैसे ही रिपोर्ट आएगी, प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, ‘पर अभी यह बताना जल्दबाजी होगा कि यह कितना समय लेगा.’
पाकिस्तान द्वारा जमात उद दावा को आतंकी सूची से हटाए जाने के बारे में मलिक का कहना था, ‘सूचना सुबूत नहीं होती और संगठन को आतंकी सूची में रखने के लिए ठोस कानूनी सुबूतों की दरकार है.’
जमा उद दावा के संस्थापक हाफिज सईद की रिहाई के बारे में मलिक ने कहा, ‘पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने उसे जमानत पर रिहा किया है और इसमें सरकार कुछ नहीं कर सकती.’ उन्होंने पाकिस्तान का यह रुख दोहराया कि उसे ओसामा बिन लादेन के देश में होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि बिन लादेन को सीआईए और आईएसआई जैसी खुफिया एजेंसियों से प्रशिक्षण मिला था और वह जानता था कि कैसे छिपना है.