मुंबई हमलों का दोषी एकमात्र जिंदा पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब मौत की सजा पर वीडियो कांफ्रेस के जरिये हो रही सुनवाई से संतुष्ट नहीं है और उसने स्वयं को बंबई उच्च न्यायालय में पेश किये जाने की मांग की है.
कसाब ने गुरुवार को आर्थर रोड जेल में अपने वकील अमीन सोलकर और फरहाना शाह से कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना चाहता है.
फरहाना ने कहा कि वह वीडियो कांफ्रेस पर विश्वास नहीं करता और उसने जोर दिया है कि उसे व्यक्तिगत रूप से अदालत में प्रस्तुत किया जाये. हमने उसे बताया कि वहां उसकी जान को खतरा है फिर भी उसने निजी रूप से उच्च न्यायालय में पेश किये जाने पर जोर दिया.
कसाब ने अपने वकील से कहा कि उसके मामले को मानवाधिकारों से जुड़े मामलों से निपटने वाली अंतरराष्ट्रीय अदालत के पास भेजा जा सकता है. फरहाना ने कहा कि कसाब भारतीय न्यायिक प्रणाली पर विश्वास नहीं करता है. उन्होंने इसका विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया.
फरहाना ने कहा कि हम अदालत को बतायेंगे कि कसाब ने हमें क्या कहा और इस पर फैसला लेने अधिकार न्यायाधीश पर छोड़िये. उन्होंने बताया कि कसाब ने उनसे कहा कि उसे काल कोठरी में रखा जा रहा है और उसे किताब या समाचार पत्र नहीं दिये जा रहे हैं.