26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में एक मात्र जीवित हमलावर मोहम्मद अजमल कसाब का सामना उच्च सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में जब मामले में सह-आरोपी अबू जिंदाल से कराया गया तो कसाब हैरान जरूर था लेकिन उसे झटका नहीं लगा.
गुरुवार को दोनों आरोपियों का आमना-सामना कराया गया और इस दौरान मौजूद रहे एक दर्जन अधिकारियों के दल में शामिल रहे अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा कि कोई छात्र अपने शिक्षक को लंबे समय बाद देखकर किस तरह चौंकता है? कसाब को झटका नहीं लगा. हम यह कह सकते हैं कि वह जिंदाल को देखकर हैरान था.
सूत्रों के अनुसार पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) अंबादास पोटे ने कसाब और जिंदाल के सामने कई सवाल रखे. दोनों सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में उच्च सुरक्षा वाली सेल में एक दूसरे के सामने बैठे थे.
अधिकारी ने कहा कि हम जो चाहते थे हमें मिल गया और इसमें कसाब का जिंदाल को पहचानना भी शामिल है. कसाब ने जिंदाल की आंखों में देखते हुए यह भी कहा कि उसने उसे पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण के दौरान हिंदी सिखाई थी. अधिकारी ने कहा कि पूछताछ कुछ देर के लिए रोक दी गयी क्योंकि दोनों शाम की नमाज अदा करना चाहते थे.
26/11 के हमलों के करीब चार साल बाद कसाब का सामना जिंदाल से कराया गया. इससे पहले खबरों के मुताबिक जिंदाल ने जांचकर्ताओं को बताया था कि वह 26/11 के हमलावरों को निर्देश देने वालों में शामिल था और उसने उन्हें हिंदी भी सिखाई.