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कश्मीर मुद्दे के समाधान से संतुष्ट नहीं होगा लश्कर: विशेषज्ञ

अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद का समाधान हो जाने पर भी भारतीय संसद और मुम्बई हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा संतुष्ट नहीं होगा और वह भारत तथा पश्चिमी जगत खासकर अमेरिका के लिए गंभीर खतरा बना रहेगा.

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अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद का समाधान हो जाने पर भी भारतीय संसद और मुम्बई हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा संतुष्ट नहीं होगा और वह भारत तथा पश्चिमी जगत खासकर अमेरिका के लिए गंभीर खतरा बना रहेगा.

प्रतिष्ठित संगठन ‘कार्नेजी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ में सीनियर एसोसिएट एशले जे. टेलिस ने गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष सांसदों से कहा ‘‘मेरे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि हमें कश्मीर से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए रास्ते तलाशने चाहिए लेकिन मेरा मानना है कि कश्मीर विवाद के समाधान से लश्कर ए तैयबा से संबंधित समस्याओं का समाधान नहीं होने जा रहा.’’

‘साउथ एशिया सेंटर द अटलांटिक काउंसिल ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स’ के निदेशक और पाकिस्तानी विद्वान शुजा नवाज ने कहा ‘‘कश्मीर समस्या के समाधान से खतरा नहीं मिटने जा रहा क्योंकि इन समूहों का उद्देश्य पाकिस्तान के भीतर सत्ता हथियाना तथा उसका नियंत्रण हासिल करना है.’’

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नवाज और टेलिस सुनवाई में अमेरिकी सांसदों की इस चिंता का जवाब दे रहे थे कि यदि कश्मीर समस्या का समाधान हो जाता है तो क्या लश्कर ए तैयबा आतंकवाद छोड़ देगा. टेलिस ने कहा ‘‘मुझे यह बात हमेशा सालती है कि कश्मीर घाटी में हत्याएं करने वाले और उत्पात मचाने वाले आज कश्मीरी नहीं हैं.

जो लोग वास्तव में राजनीतिक अधिकारों से वंचित किए गए वे हत्याओं और उत्पात में शामिल नहीं हैं.’’ उन्होंने कहा ‘‘घाटी में कत्लेआम और उत्पात ऐसे लोगों द्वारा मचाया जा रहा है जिनका कश्मीर से कोई संबंध नहीं है. मेरे दिमाग में यह बात है कि यह एक ऐसा समूह है जिसका 21 देशों में संचालन हो रहा है उसकी विचारधारा पूरी तरह पश्चिम विरोधी है वह उदारता और धर्मनिरपेक्षता तथा हमारे द्वारा अपनाए गए मूल्यों के खिलाफ है. यह समूह (लश्कर) कश्मीर मुद्दे के समाधान से संतुष्ट नहीं होने जा रहा.’’ हेरीटेज फाउंडेशन की लीसा कर्टिस ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा कश्मीर विवाद के समाधान के लिए सुझाए गए फॉर्मूले का जिक्र किया जिसके बारे में उन्होंने 2006 में बयान दिया था.

उन्होंने कहा कि मुशर्रफ ने दिसंबर 2006 में बहुत महत्वपूर्ण बयान दिया था कि यदि चार चीजें हो जाती हैं तो पाकिस्तान कश्मीर पर अपना दावा छोड़ना चाहेगा.

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