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26/11 के बाद नई साजिशों में जुटा था हेडली

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक अमेरिकी मूल का आतंकवादी डेविड हेडली 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद राष्ट्रीय राजधानी समेत पांच शहरों में स्थित यहूदी भवनों पर एक साथ आतंकी हमलों की साजिश को अंतिम रूप देने के लिए फिर लौटा था.

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डेविड हेडली
डेविड हेडली

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक अमेरिकी मूल का आतंकवादी डेविड हेडली 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद राष्ट्रीय राजधानी समेत पांच शहरों में स्थित यहूदी भवनों पर एक साथ आतंकी हमलों की साजिश को अंतिम रूप देने के लिए फिर लौटा था. वह अलकायदा ओहदेदार इलयास कश्मीरी के कहने पर इस काम को अंजाम देने वाला था.

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हेडली की गतिविधियों की कड़ी जोड़ते हुए एनआईए ने शनिवार को एक विशेष अदालत में 60 पन्नों के आरोपपत्र में कहा कि वह मार्च 2009 में अपनी भारत यात्रा के दौरान केवल यहूदी भवनों पर नजर रख रहा था. वह कश्मीरी के इशारे पर ऐसा कर रहा था जिसने अपने हरकत-उल-जेहाद इस्लामिया के 313 ब्रिगेड को अलकायदा में मिला लिया था.

आरोपपत्र के मुताबिक मार्च 2009 में भारत पहुंचने से पहले हेडली ने फरवरी में उत्तर वजीरिस्तान के मिरांसा इलाके में इलयास कश्मीर से मुलाकात की थी, जहां उसे चबाड हाउस का अंतिम बार मुआयना करने के लिए निर्देश दिया गया था.

एनआईए के आरोपपत्र के साथ कई दस्तावेज भी हैं, जिसमें 26/11 के हमलों के बाद भारत लौटने में हैडली के डर के बारे में कहा गया है कि उसने अपने सहयोगी तहव्वुर राणा से मुलाकात कर अपने अपहरण की आशंका व्यक्त की थी. दोनों ने ईमेल खाता ‘मूवी.मनी एट याहू डॉट कॉम’ खोला जिसमें हैडली ने अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा दिया.

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हेडली के पिता पाकिस्तानी थे और उसका नाम पहले दाऊद गिलानी था. एनआईए ने उस पर आठ अन्य लोगों के साथ भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. इन लोगों में पाकिस्तान के दो सेवारत सैन्य अधिकारी, लश्कर का संस्थापक हाफिज सईद, 26/11 के हमलों का साजिशकर्ता जकिउर रहमान लखवी तथा पाकिस्तानी कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा हैं.

आरोपपत्र में 26/11 के आतंकवादी हमलों में हेडली की भूमिका का चित्रमय विवरण है. हमलों में छह विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हो गयी थी.

इसमें हेडली के मार्च 2009 के दौरे का भी वर्णन है जब उसने इस्राइली एयरलाइंस के कफ परेड स्थित दफ्तर का मुआयना किया था. उसके बाद वह राष्ट्रीय राजधानी आया जहां वह पहाड़गंज इलाके में एक छोटे से होटल में रहा.

आरोपपत्र में उसके होटल ‘दि होलीडे इन’ का भी नाम है और यह इलाके में चबाड हाउस से केवल 300 मीटर की दूरी पर है. पहाड़गंज में चबाड़ हाउस सकरी गलियों में है और इस्राइल से आने वाले यहूदी यहां आते रहते हैं.

आरोपपत्र के अनुसार हेडली दिल्ली से राजस्थान के पुष्कर गया जहां उसने एक यहूदी प्रार्थना घर के सामने एक कमरे में रहने की कोशिश की. होटल स्टाफ ने एनआईए को दिये अपने बयान में कहा कि 50 वर्षीय हेडली ने पुष्कर में यहूदी केंद्र के प्रार्थना घर के ठीक सामने वाले कमरे में रहने पर जोर दिया था. वहां उसकी मुलाकात एक यहूदी दंपति से हुई और उसने इस धर्म के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पाने की कोशिश की. दंपति ने उसे गोवा में चबाड हाउस का पता दिया.

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तीन दिन वहां रहने के बाद हेडली गोवा चला गया जहां वह अरब सागर के तट पर अंजुना में एक गेस्ट हाउस में रहा. वहां से वह पुणे गया और कोरेगांव पार्क का मुआयना किया.

पहले समझा गया था कि हेडली वहां ओशो आश्रम में आने वाले विदेशियों को निशाना बनाना चाहता था लेकिन बाद में पता चला कि उसने इलाके के यहूदी प्रार्थना केंद्र को निशाना बनाने के लिए मुआयना किया था.

बाद में हेडली मुंबई रवाना हो गया जहां वह फिर कफ परेड गया. हेडली को एफबीआई ने अक्तूबर 2009 में गिरफ्तार कर लिया जब वह डेनमार्क की उड़ान पकड़ने वाला था.

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