मीडियाकर्मियों का कैमरा तोड़ने की धमकी देने वाले वीरभद्र सिंह की आलोचना करते हुए प्रेस परिषद के प्रमुख मार्कंडेय काटजू ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ नेताओं की लगातार बढ़ती असहिष्णुता लोकतंत्र में अस्वीकार्य है.
उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘यह काफी दुख की बात है कि कुछ नेता मीडिया के प्रति लगातार असहिष्णु होते जा रहे हैं और उस तरीके से व्यवहार नहीं कर रहे हैं जिसकी लोकतंत्र में उम्मीद की जाती है.’
काटजू ने कांग्रेस नेता का जिक्र करते हुए कहा, ‘इस तरह के अलोकतांत्रिक व्यवहार का नवीनतम नमूना वरिष्ठ नेता का कथित बयान है जिसमें उनके खिलाफ लगे कुछ आरोपों के बारे में पूछने पर उन्होंने एक पत्रकार का कैमरा तोड़ने की धमकी दी.’
भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में लोग सर्वोपरि होते हैं और नेता केवल लोगों के सेवक होते हैं.
मीडिया सिर्फ लोगों को सेवकों के बारे में सूचना देने वाला एजेंट होता है और नेताओं के असहिष्णु व्यवहार के लिए लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है.
काटजू ने कहा, ‘अगर किसी नेता के बारे में असत्य छपता है तो उसे इसके बारे में त्रुटि छपवाने का अधिकार है लेकिन असंयत होना या क्षुब्ध होना लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है.'