पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी और आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट अहमद शुजा पाशा वास्तव में देश को चला रहे हैं और इस तरह वे ज्यादा महत्व रखते हैं और लोकतांत्रिक रूप से चुनी सरकार महत्व नहीं रखती. यह बात दक्षिण एशिया के बारे में जानकारी रखने वाले एक प्रभावशाली अमेरिकी विशेषज्ञ ने कही है.
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय की क्रिस्टीना फेयर ने कहा कि अमेरिकी दावों में पाकिस्तान को लोकतांत्रिक बताया जाता है लेकिन जब भी कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान जाता है तो वह नेशनल एसेंबली में अपने समकक्षों से नहीं मिलता. वे सभी जनरल कयानी और जनरल पाशा से मिलना चाहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि सत्ता कहां है.
नेशनल पब्लिक रेडियो को दिए साक्षात्कार में फेयर ने कहा कि पाकिस्तान एवं लश्कर जैसे आतंकवादी समूह भारत और अमेरिका को निशाना बना रहे हैं. पाकिस्तान और अफगानी तालिबान जो कर रहा है वे सारी नीतियां जनरल कयानी और जनरल पाशा बनाते हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने उद्देश्यों को पूरा करने में काफी कठिनाई आएगी लेकिन सेना को आतंकवाद और परमाणु प्रसार से दूर रखकर ऐसा संभव है. अगर यह पाकिस्तान का भविष्य सुरक्षित करना चाहता है तो कुछ हद तक ऐसा करना होगा जहां नागरिक सरकार का सेना पर अधिकार हो न कि सेना का नागरिक सरकार पर.