यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा से जुड़ा विवाद गर्म है और अरविंद केजरीवाल इस पर एक और हथौड़ा मारने को तैयार हैं. वाड्रा और डीएलएफ दोनों अपनी तरफ से बोल चुके, लेकिन केजरीवाल को संतुष्ट नहीं कर सके हैं. केजरीवाल ने कहा है कि डीएलएफ की सफाई हवा-हवाई है और आज उसकी बखिया उधेड़ी जाएगी. केजरीवाल की कसौटी पर कोई भी जवाब खरा नहीं उतरता. यही वजह है कि आज वे फिर बोलेंगे और बोलेंगे तो पोल खोलेंगे.
खामोश क्यों है गांधी परिवार?
रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के रिश्तों को लेकर केजरीवाल ने जो आरोप लगाए हैं. उसपर डीएलएफ का जवाब केजरीवाल को झूठ का पुलिंदा लगता है. यही वजह है कि केजरीवाल ने कहा है वे आज इस मुद्दे पर विस्तार से बोलेंगे. वाड्रा पर केजरीवाल का इल्जाम है कि वे उन सवालों का जवाब नहीं दे रहे, जो पूछे गए हैं.
वाड्रा ने हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया: केजरीवाल
वाड्रा ने कहा है कि केजरीवाल और प्रशांत भूषण सस्ती लोकप्रियता के लिए उन्हें और उनके परिवार को बदनाम कर रहे हैं. इसपर केजरीवाल का कहना है कि वाड्रा ने उनके मकसद पर सवाल उठाए हैं. उन सवालों का जवाब नहीं दिया है, जो उनसे पूछे गए थे.
केजरीवाल ने कहा है कि उन्होंने डीएलएफ का जवाब पढ़ लिया है. कंपनी ने कई जानकारियां छिपा ली हैं, जिसपर विस्तार से जवाब दिया जाएगा. केजरीवाल ये भी जानना चाहते हैं कि डीएलएफ की सफाई पर वाड्रा का क्या कहना है. वे डीएलएफ से पूरी तरह से सहमत हैं, या फिर कुछ और कहना चाहेंगे.
सस्ती लोकप्रियता के लिए लगाए आरोपः वाड्रा
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए थे कि डीएलएफ ने वाड्रा की कंपनी को 65 करोड़ का ब्याज मुक्त कर्ज क्यों दिया? डीएलएफ की तरफ से इसपर जवाब दिया गया कि वाड्रा या उनकी किसी कंपनी को कोई ब्याजमुक्त लोन नहीं दिया गया है. जिस पैसे का जिक्र हो रहा है वो जमीन खरीदने के लिए एडवांस के तौर पर दिए गए थे जिसमें 50 करोड़ इस्तेमाल हुए और बाकी 15 करोड़ वाड्रा की कंपनी ने वापस कर दिए थे.