scorecardresearch
 

लोकपाल के दायरे में एनजीओ होंगे, पीएम नहीं

टीम अन्‍ना के अहम सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि जितने भी बड़े एनजीओ हैं उन्‍हें लोकपाल के दायरे में लाए जाने पर उन्‍हें कोई आपत्ति नहीं है. एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री, सीबीआई और सी एवं डी श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाना उन्‍हें पसंद नहीं होगा. हालांकि केजरीवाल ने कहा कि अभी लोकपाल बिल का संसद सत्र तक इंतजार किया जाना चाहिए.

Advertisement
X
अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

Advertisement

टीम अन्‍ना के अहम सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि जितने भी बड़े एनजीओ हैं उन्‍हें लोकपाल के दायरे में लाए जाने पर उन्‍हें कोई आपत्ति नहीं है. एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री, सीबीआई और सी एवं डी श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाना उन्‍हें पसंद नहीं होगा. हालांकि केजरीवाल ने कहा कि अभी लोकपाल बिल का संसद सत्र तक इंतजार किया जाना चाहिए.

हालांकि उन्होंने एनजीओ के नियमन के लिए अलग से कानून की वकालत की. उन्होंने मीडिया में भी भ्रष्टाचार होने की बात कही मगर इससे निपटने के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया को और मजबूत किए जाने की जरूरत बताई.

गौरतलब है कि मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक लोकपाल बिल का पहला ड्राफ्ट संसदीय समिति ने तैयार कर लिया है और इसमें लोकपाल के दायरे में विदेश से आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाली एनजीओ को भी रखा गया है.

Advertisement

टीम अन्ना के प्रमुख सदस्यों अरविंद केजरीवाल,मनीष सिसौदिया और किरण बेदी की गैर सरकारी संस्थाएं विदेश से आर्थिक सहायता प्राप्त करती हैं. यदि कमेटी द्वारा तैयार किया गया ड्राफ्ट संसद में पास हो गया तो इन तीनों के एनजीओ भी लोकपाल के दायरे में आएंगे.

यह पूछे जाने पर कि उनकी निचले स्तर के (समूह सी और डी) सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने की बात लोकपाल बिल के मसौदे में नजरअंदाज कर दी गई है, केजरीवाल ने कहा कि अगर ऐसा है तो निचले स्तर पर समूह सी और डी के कर्मचारियों को भ्रष्टाचार फैलाने की खुली छुट मिल जाएगी क्योंकि उन्हें पकड़ने वाला कोई नहीं होगा.

Advertisement
Advertisement