टीम अन्ना के सदस्य अरविन्द केजरीवाल ने इस बात से इनकार किया है कि 15 ‘भ्रष्ट’ मंत्रियों में प्रणब मुखर्जी का नाम केवल इसलिए लिया गया, क्योंकि वे संप्रग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं.
केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने 26 मई को सूची घोषित की थी और उस समय प्रणब मुखर्जी के नाम पर फैसला तक नहीं किया गया था.’ हालांकि, उन्होंने दोहराया कि मुखर्जी को लेकर टीम अन्ना का रुख यह है कि वे ‘दागी’ हैं.
केजरीवाल ने कहा, ‘यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारे देश का अगला राष्ट्रपति एक ऐसे व्यक्ति के बनने की संभावना है, जिस पर एक नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के चार गंभीर आरोप लगे हैं.’ केजरीवाल ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप हैं, हमने मंत्रिमंडल के भ्रष्ट मंत्रियों की सूची दी थी, लोकसभा से 162 और राज्यसभा से 39 सांसद भ्रष्ट हैं और अब हमें दागी राष्ट्रपति मिलेंगे.’
मई में टीम अन्ना द्वारा जारी की गई कथित भ्रष्ट मंत्रियों की सूची के बारे में बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘जब हमने सूची दी तो कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे खारिज कर दिया, इसे आधारहीन करार देकर. अब प्रधानमंत्री ने भी हमारी मांग खारिज कर दी. इस प्रकार एक बार प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बन जाते हैं, तो उनके खिलाफ कोई जांच नहीं हो सकेगी.’
केजरीवाल ने कहा, ‘हमने फैसला किया है कि यदि प्रधानमंत्री एसआईटी (मंत्रियों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए) गठित करने की हमारी मांग नहीं मानते हैं तो हम 25 जुलाई से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे. अन्ना हजारे के दिशा-निर्देशन में मैं, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय अनशन पर बैठेंगे और देश के लाखों लोग सड़कों पर होंगे.’
गुजरात सरकार के प्रस्तावित रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के लिए गांधीनगर जिले के लावड गांव में सामुदायिक चारागाह की भूमि आवंटित किए जाने के विरोध में हो रहे आंदोलन का समर्थन करने केजरीवाल अहमदाबाद में हैं.