कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी का मामला गंभीर हो चला है. देशभर में इसके खिलाफ धरने और प्रदर्शन तो चल ही रहे हैं और अब इसमें अरविंद केजरीवाल ने भी यह ऐलान किया है कि अगर शुक्रवार तक असीम त्रिवेदी के खिलाफ केस नहीं हटाया गया तो शनिवार को इसके खिलाफ धरना पर बैठेंगे.
25 वर्षीय असीम को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (राजद्रोह), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए और राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान की रोकथाम अधिनियम की धारा 2 के तहत शनिवार को हिरासत में लिया गया था. असीम को रविवार को 16 सितंबर तक की पुलिस हिरासत में भेजा गया. कानपुर के रहने वाले त्रिवेदी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मुंबई में पिछले साल दिसंबर में अन्ना हजारे की एक रैली के दौरान संविधान का मजाक उड़ाते हुए बैनर लगाये.
देखिए जेल से असीम त्रिवेदी ने क्या कहा
पुलिस ने अदालत में कहा कि त्रिवेदी द्वारा बनाये गये पोस्टरों को रैली में रखा गया था लेकिन उन्हें इस समय हासिल करना बहुत मुश्किल है क्योंकि कार्टूनिस्ट ने बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में रैली स्थल पर पोस्टरों को फेंक दिया था. पुलिस ने आगे कहा कि त्रिवेदी अपने पिता के नाम पर लिए गए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं. जहां तक किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर त्रिवेदी के कार्टूनों को डालने की बात है तो विभाग का साइबर प्रकोष्ठ जांच कर रहा है.
रिमांड आवेदन को देखने के बाद अदालत ने कहा कि जांच पूरी हो गयी है. इसके बाद अदालत ने उसे 24 सितंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. त्रिवेदी को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के एक सदस्य की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था.
उधर कांग्रेस पार्टी ने कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी से इत्तेफाक नही रखते हुए यह कहा है कि इस तरह की कार्रवाई की जरूरत नहीं थी. साथ ही महाराष्ट्र की सरकार ने भी कहा है कि वो असीम की रिहाई के प्रयास कर रही है.
यह पूरा मामला मध्य महाराष्ट्र के बीड़ में असीम त्रिवेदी के खिलाफ अपने कॉर्टूनों के जरिये संसद और संविधान का अपमान करने के आरोप में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराने के बाद शुरू हुआ.
पहला मामला 7 जनवरी, 2012 को बीड़ की अदालत में दाखिल किया गया जबकि दूसरा मामला 23 मई को दर्ज किया गया.