सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को सरकार से पूछा कि जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में जिन उद्योगपतियों के खातों का उन्होंने जिक्र किया है क्या वे फ्रांस द्वारा अधिकारियों को सौंपे गए 700 लोगों की सूची में शामिल हैं या नहीं.
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि सरकार मामले की जांच में अलग-अलग मापदंड क्यों ‘अपना’ रही है. कुछ लोगों पर छापेमारी हो रही है जबकि कुछ लोगों को छोड़ा जा रहा है.
केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाए थे कि एचएसबीसी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है और दावा किया कि अंबानी बंधु, जेट एयरवेज के अध्यक्ष नरेश गोयल और कांग्रेस सांसद अनु टंडन ने जिनेवा शाखा में काले धन जमा कर रखे हैं. केजरीवाल ने जिन लोगों का नाम लिया उन सभी ने आरोपों से इंकार किया है.
उन्होंने आरोप लगाए कि सरकार एचएसबीसी को बचा रही है और लोग कैसे विश्वास करें कि वह निष्पक्ष जांच कर रही है. उन्होंने पूछा, ‘अगर अमेरिकी सरकार ऐसे बैंकों से निष्पक्षता से निपट सकती है तो भारत सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती?’
सरकार ने काले धन के मुद्दे पर शुक्रवार को केजरीवाल के आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि आरोपों में कुछ भी नयापन नहीं है और उन्हें साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं दिए गए.