केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि संप्रग गठबंधन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास ‘वास्तविक सत्ता’ है, जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार के प्रभारी हैं.
कॉरपोरेट एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने समाचार चैनल सीएनएन आईबीएन के ‘डेविल्स एडवोकेट’ कार्यक्रम में कहा, ‘बेशक हर कोई जानता है कि उनके (सोनिया गांधी) पास वास्तविक सत्ता है, लेकिन वह (मनमोहन सिंह) वास्तविक प्रधानमंत्री हैं.’
खुर्शीद की यह प्रतिक्रिया उस वक्त आई, जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत में वास्तविक सत्ता मनमोहन सिंह की बजाय सोनिया गांधी के पास है? यह पूछे जाने पर कि सोनिया या सिंह में कौन इस बात पर फैसला करता है कि कोई मंत्री कैबिनेट में रहेगा या नहीं, खुर्शीद ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री मिलजुलकर इसपर फैसला करते हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री द्वारा सोनिया के साथ मिलकर किसी कैबिनेट मंत्री के बारे में फैसला करना प्रधानमंत्री के विशेषाधिकारों का उल्लंघन नहीं है, ‘खुर्शीद ने बताया, ‘नहीं यह उल्लंघन नहीं है. बेशक वह प्रधानमंत्री हैं और उन्हें अवश्य ही जिम्मेदारी लेनी चाहिए, लेकिन वह (सोनिया) हमारी पार्टी की नेता हैं.’
यह पूछे जाने पर कि जब कई एजेंसियां राष्ट्रमंडल खेलों में हुए कथित घोटाले की जांच कर रही है, तो दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, शहरी विकास मंत्री जयपाल रेड्डी और खेल मंत्री एमएस गिल को अपने पद पर क्यों बने रहना चाहिए, इसके जवाब में खुर्शीद ने कहा, ‘यदि कुछ ठोस और गंभीर नजर आता है तो हम कार्रवाई करेंगे..लेकिन आप अंतिम फैसला तक पहुंचने से पहले किसी व्यक्ति को सजा नहीं दे सकते हैं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप का सामना कर रहे अपने पांच में से एक मंत्री से इस्तीफा मांगने में खुद को सक्षम नहीं महसूस करते हैं, खुर्शीद ने कहा कि आप उनके बारे में ऐसा नहीं कह सकते हैं कि यदि उन्हें यह अहसास हो जाता है कि हम कोई कार्रवाई किये जाने के स्तर तक पहुंच गये हैं तो वह कार्रवाई नहीं करना चाहेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कहना उचित नहीं है कि प्रधानमंत्री एक ऐसे हालात का सामना कर रहे हैं, जहां उनके पांच मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं. खुर्शीद ने यह स्वीकार करने से इंकार कर दिया कि सोनिया गांधी कैबिनेट के किसी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने से सिंह को रोक रही हैं.
उन्होंने कहा कि फैसले से पहले दोनों नेताओं के विचार मिलने का यह मतलब नहीं है कि सोनिया को दूर कर दिया जाए और यह कहा जाए कि यह सरकार है, इसमें हस्तक्षेप नहीं कीजिए. वह हमारी पार्टी की नेता हैं, वह निर्देश देती हैं, वह विचार देती हैं.