अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही निजी क्षेत्र की किंगफिशर एयरलाइंस ने बैंकों से लघु अवधि के लिए कार्यशील पूंजी की जरूरत और ब्याज छूट के रूप में 700 से 800 करोड़ रुपये की मदद उपलब्ध कराने को कहा है.
किंगफिशर के चेयरमैन विजय माल्या ने यहां कहा कि एयरलाइन ने सरकार से किसी तरह की मदद नहीं मांगी है. इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक ने भी स्पष्ट किया है कि एयरलाइन ने उसकी किसी तरह का नया रिण नहीं मांगा है. स्टेट बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कहा यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कहा कि कंपनी डिफाल्टर नहीं है. किंगफिशर पर एसबीआई का कुल 1,400 करोड़ रुपये बकाया है.
राजनीतिक दल किंगफिशर को किसी तरह की सरकारी मदद का जोरदार विरोध कर रहे हैं. इस बारे में स्थिति साफ करते हुए माल्या ने कहा कि हमने सरकार से किसी तरह का बेलआउट नहीं मांगा है. हमने सरकार से करदाताओं का धन देने को नहीं कहा है. हमने ऐसा कभी नहीं किया है और कभी कर भी नहीं सकते. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में किंगफिशर एयरलाइंस को 468.66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
नतीजों की घोषणा के बाद माल्या ने संवाददाताओं से कहा कि हमारी बैंकों के साथ खुले रिण पत्र के लिए बातचीत चल रही है. इससे जरिये हम उंची लागत का रुपये वाले कर्ज चुका सकते हैं. अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए कंपनी बाजार नियामक सेबी के पास 2,000 करोड़ रुपये के राइट इश्यू के लिए आवेदन करने को विचार कर रही है. किंगफिशर एयरलाइंस के मुखिया ने कहा कि हमने किसी तरह की रियायत नहीं मांगी है. हमारी बैंकों से सिर्फ दो मांगें हैं. लघु अवधि की पूंजी जरूरत को पूरा करना और ब्याज पर रियायत. माल्या ने यह भी कहा कि हमने बैंकों से रिण के पुनर्गठन की मांग भी नहीं की है.
किंगफिशर को 2010-11 में 1,027 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. कंपनी पर 7,057.08 करोड़ रुपये का रिण का बोझ है. भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 13 बैंकों के गठजोड़ के पास एयरलाइन की 23.4 फीसद हिस्सेदारी है. बैंकों का एयरलाइन में निवेश 7,700 करोड़ रुपये का है. यह पूछे जाने पर कि एयरलाइन को कितनी कार्यशील पूंजी की जरूरत है, माल्या ने कहा कि हमें 700-800 करोड़ रुपये की जरूरत है. इसमें कोष और गैर कोष दोनों हैं. हमने पूंजी जुटाने के सभी अवसरों को तलाशा है.
माल्या ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विमानन उद्योग को संकट से निकालने का तरीका ढूंढने संबंधी बयान का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अर्थशास्त्री हैं, जो कनेक्टिविटी के महत्व को जानते हैं. तेल विपणन कंपनियों के बकाये के बारे में माल्या ने कहा कि एयरलाइन को दो सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों इंडियन आयल और भारत पेट्रोलियम का एक पैसा भी बकाया नहीं है.
हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 600 करोड़ रुपये के असुरक्षित बकाये के बारे में पूछे जाने पर माल्या ने कहा कि तेल कंपनियों को बैंक गारंटी दी गई है. हमारा असुरक्षित रिण अब घटकर सिर्फ 40 करोड़ रुपये रह गया है. माल्या ने बताया कि उन्होंने जेट ईंधन के सीधे आयात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) को लिखा है. इससे हमारी ईंधन की लागत घटेगी. एयरलाइन की परिचालन लागत में जेट ईंधन की हिस्सेदारी लगभग 50 फीसद है. पिछले एक सप्ताह के दौरान एयरलाइन द्वारा 200 से अधिक उड़ानें रद्द करने के फैसले को माल्या ने पूरी तरह व्यावसायिक रूप से उठाया गया उचित कदम बताया.
उन्होंने कहा कि हमने उड़ानें इसलिए रद्द नहीं कीं कि हम उनका संचालन करने की स्थिति में नहीं थे. आज भी हम अपनी उड़ानों का संचालन करने की क्षमता रखते हैं. यह व्यावसायिक दृष्टि से उठाया गया कदम है. इस बीच, बंबई शेयर बाजार में किंगफिशर का शेयर 2.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ 21.85 रुपये पर बंद हुआ.