संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइन बकाया वेतन का भुगतान न होने की वजह से जारी गतिरोध दूर करने के लिए सोमवार को मुंबई में अपने कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी.
वार्ता के लिए आया बुलावा
एयरलाइन 20 अक्तूबर तक तालाबंदी की घोषणा पहले ही कर चुकी है. एयरलाइन के सूत्रों ने बताया कि मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय अग्रवाल ने बैठक के लिए कर्मचारियों को एक पत्र लिखकर आमंत्रित किया है. कर्मचारी सात माह से बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि उनका बकाया उन्हें दे दिया जाए, जिसके बाद ही वह ड्यूटी पर आएंगे.
तालाबंदी की अवधि आगे बढ़ी
कर्मचारियों की इस मांग की वजह से प्रबंधन बार-बार तालाबंदी की अवधि आगे बढ़ाता जा रहा है. इसी वजह से चार अक्तूबर से सभी उड़ानें भी निलंबित हैं. तालाबंदी की घोषणा के बाद सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं और वैमानिकी नियामक डीजीसीए ने शराब उद्योगपति विजय माल्या के स्वामित्व वाली एयरलाइन को यह खबरें आने के बाद टिकटों की बिक्री बंद करने के आदेश दे दिए कि उसने तालाबंदी समाप्त किए बिना ही पिछले सप्ताह बुकिंग शुरू कर दी.
लगातार बिगड़ रही है स्थिति
किंगफिशर ने हड़ताल के कारण उड़ानें रद्द होने के बाद 28 सितंबर को चार अक्तूबर तक तालाबंदी की घोषणा की थी. बाद में तालाबंदी की यह अवधि 12 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई. अब यह तारीख फिर आगे बढ़ा कर 20 अक्तूबर की जा चुकी है.
सुरक्षा पहलू का भी खयाल जरूरी
पांच अक्तूबर को डीजीसीए ने किंगफिशर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि उसका पूरा बेड़ा बिना उड़ान के जमीन पर खड़ा है और सुरक्षित तथा भरोसेमंद सेवाएं नहीं दे पा रहा है जिसकी वजह से क्यों न उसका फ्लाइंग लाइसेंस निलंबित कर दिया जाए या रद्द कर दिया जाए. डीजीसीए ने किंगफिशर को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है.
नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने भी कहा कि एयरलाइन को अपनी उड़ानों का संचालन शुरू करने की अनुमति प्राप्त करने से पहले सुरक्षा और वेतन भुगतान के बारे में ठोस योजना डीजीसीए के समक्ष पेश करनी होगी.
किंगफिशर 8,000 करोड़ रुपये के घाटे में है और उस पर 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है. एयरलाइन के कई विमानों का जनवरी से संचालन नहीं हो पा रहा है.