scorecardresearch
 

किरण बेदी को है भ्रष्‍टाचार से लड़ने की समझ

किरन बेदी ने अन्ना के आंदोलन को नया आयाम दे दिया. किरण बेदी प्रशासनिक तौर तरीकों को बेहद अच्छे तरीके से जानती हैं, पुलिस की हर नब्ज़ को पहचानती हैं और इसीलिए किरन बेदी भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आंदोलन को सटीक दिशा में लेकर चल रही है.

Advertisement
X
किरन बेदी
किरन बेदी

Advertisement

सरकार के तमाम हथकंडे नाकाम करने के पीछे जितनी बड़ी ज़रूरत जन समर्थन की थी, उतनी ही ज़रूरत सही समय पर, सही फैसले लेने की भी थी और इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई अन्ना के सलाहकारों ने. टीम अन्ना के ये कोर सदस्य हैं किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल, शांति भूषण, प्रशांत भूषण और मनीष सिसौदिया.

आंदोलन से जुड़े अपने अनुभव, खबरें, फोटो हमें aajtak.feedback@gmail.com

पर भेजें. हम उसे आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे.

जी हां टीम अन्ना के ये वो नाम हैं, जो अन्ना को आंदोलन में मज़बूती दे रहे हैं. सबसे पहले बात करते हैं, किरण बेदी की. भ्रष्टाचार के खिलाफ़ अन्ना हज़ारे के साथ पूर्व आईपीएस ऑफिसर किरन बेदी का नाम जुड़ा. किरन बेदी ने अन्ना के आंदोलन को नया आयाम दे दिया. किरण बेदी प्रशासनिक तौर तरीकों को बेहद अच्छे तरीके से जानती हैं, पुलिस की हर नब्ज़ को पहचानती हैं और इसीलिए किरन बेदी भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आंदोलन को सटीक दिशा में लेकर चल रही है. जब तिहाड़ जेल के बाहर जब अन्ना समर्थकों ने भीड़ लगा दी, तो उन्होंने समर्थकों को अपने ढंग में समझाया.

Advertisement

समर्थकों के नाम अन्‍ना का संदेश, समर्थन से मिल रही है ऊर्जा
अन्ना के साथ साथ जब किरण बेदी ने भी गिरफ्तारी दी तो तिहाड़ में वो पुलिसवालों को भी समझाती हुई नज़र आयीं. अन्ना के आंदोलन का मकसद साफ है, शांति के साथ गांधीवादी तरीके से अपनी आवाज़ को बुलंद करना और इसमें किरण बेदी की अहम भूमिका है. अन्ना ने तिहाड़ जेल से जिस तरह सरकार को हिला दिया, तिहाड़ जेल के प्रशासन को झुका दिया, उसके पीछे शायद किरन बेदी का सलाह-मशविरा हो सकता है.

किरण बेदी काफी पहले से समाज सेवा कर रही हैं, नवज्योति और इंडिया विज़न नाम की दो फाउंडेशन भी चलाती हैं, जिसमें ग़रीब तबके की महिलाओं, बच्चों को फ्री शिक्षा, नशे जैसी बुरी लतों को छुड़ाने का इलाज किया जाता है.

1972 में किरन बेदी पहली महिला आईपीएस ऑफिसर बनीं और 2007 में रिटायरमेंट के बाद भी वो एक वेबसाइट के ज़रिए ग़रीब और बेसहारा लोगों की मदद करती हैं, जिनकी फरियाद
लोकल पुलिस नहीं सुनतीं. किरण बेदी संयुक्त ऱाष्ट्र के शांति बनाए रखने वाले डिपार्टमेंट की सलाहकार भी चुनी गईं थी. 62 साल की किरण बेदी 74 साल के अन्ना के साथ आज भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लोकपाल बिल लाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रही हैं.

Advertisement
Advertisement