किरण बेदी के ऊपर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद दायर की गई प्राथमिकता को लेकर टीम अन्ना के सदस्यों ने हाईकोर्ट के जज पर सवाल उठा दिए है. टीम अन्ना का कहना है कि किरण बेदी को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा मिल रही है.
एक याचिकाकर्ता द्वारा 4 पेज की रिपोर्ट दायर करने के बाद हाईकोर्ट ने किरण बेदी के खिलाफ दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करने के लिए कहा था लेकिन टीम अन्ना ने इस बारे में कहा कि उन्होंने वेदांता को लेकर किरण बेदी के ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं उन्हें वेदांत ने बेबुनियाद बताते हुए एक पत्र लिखा है. जिसमें यह साफ कहा गया है कि किरण ने हमारे साथ कोई धोखाधड़ी नहीं की है.
वहीं याचिकाकर्ता ने माइक्रोसॉफ्ट को लेकर भी किरण पर धोखा देने का आरोप लगाया है. टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने इस बारे में साफ करते हुए कहा कि अगर माइक्रोसॉफ्ट के साथ किरण ने धोखा किया होता तो वह उनकी संस्था को फिरसे 16 लाख रुपये क्यों देते. उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट और वेदांता की तरफ से लिखे गए पत्रों को भी मीडिया के लोगों को दिया.
टीम अन्ना ने हाईकोर्ट के जज और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने 18 फरवरी को कॉमनवेल्थ खेलों को लेकर हाईकोर्ट में 370 पेज याचिका दाखिल करते हुए उस पर कार्रवाई करने की मांग कही थी लेकिन जज ने इस मामले को खारिज कर दिया. जबकि दिल्ली पुलिस, एंटी क्रप्शन ब्रांच और सीबीआई ने हमारी रिपोर्ट पर कोई भी सुनवाई नहीं की.
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सिर्फ कॉमनवेल्थ खेलों को लेकर सीबीआई से बार-बार स्टेट्स रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा. लेकिन सीबीआई ने काफी समय के बाद जिन 11 मामलों में रिपोर्ट दी है उनके बारे में हमें पूछने पर नहीं बताया गया है कि किन मामलों पर रिपोर्ट को तैयार किया गया है. केजरीवाल ने कहा कि इससे यह साफ होता है कि जज 370 पेज की रिपोर्ट को एहमियत नहीं देती जबकि उसने किरण बेदी के खिलाफ 4 पेज की रिपोर्ट पर केस दर्ज करने के लिए कह दिया.