जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए करोड़ों रुपये के अवैध निवेश और हवाला के आरोपों को लिखित में एक विस्तृत बयान देकर खारिज कर दिया है.
जेल सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले कोडा को तकरीबन 100 प्रश्नों की एक सूची सौंपी थी. प्रश्नों की यह सूची पिछले तीन महीने से निदेशालय द्वारा की गयी जांच तथा कोडा के सहयोगी विकास सिन्हा के बयान के आधार पर तैयार की गयी थी.
उन्होंने कहा कि रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रवर्तन निदेशालय को 28 पृष्ठों का एक बयान दिया है. इस बयान में उन्होंने किसी भी गड़बड़ी में खुद के शामिल होने के आरोपों को खारिज कर दिया है. निदेशालय ने लोकसभा के एक वर्तमान सांसद से भी मामले के विकास, विनोद सिन्हा और संजय चौधरी जैसे अन्य अभियुक्तों के साथ उसके संबंधों के बारे में पूछताछ की है.
कोडा ने यह स्वीकार किया है कि वह इन तीनों आरोपियों को जानते हैं. हालांकि यह भी बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने इन तीनों द्वारा किए किसी प्रकार के वित्तीय लेन देन की जानकारी होने से इनकार कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस बात से भी इनकार कर दिया है कि मुंबई के किसी बुलियन फर्म में उन्होंने निवेश किया है. कोडा ने हालांकि यह स्वीकार किया है कि उन्होंने कई बार विदेशों का दौरा किया. विदेश दौरों के बारे में उनका कहना था कि यह दौरा काम काज से भी संबंधित था और निजी दौरा भी था.