कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल की आग भले ही बुझ चुकी हो, पर यह सवाल अभी भी बरकरार है कि आग से हुई 90 मौतों का गुनहगार कौन है?
प्रशासन ने आग की चपेट में आए निजी अस्पताल एएमआरआई के दो ब्लॉक सील कर दिए और घटना में मरे 90 लोगों में से ज्यादातर के शव उनके परिजन के हवाले कर दिए.
पुलिस ने बताया कि अस्पताल में शुक्रवार को आग लगने के कारण 90 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई थी. इनमें से 87 का पोस्टमार्टम बीती रात कर दिया गया और बाकी तीन का शनिवार दिन में किया जाएगा. पुलिस ने हालांकि परिवारों को सौंपे गए शवों की संख्या नहीं बताई है.
बांग्लादेश के रहने वाले 65 वर्षीय गौरंग मंडल का शव लेने के लिए उनके परिजन पहुंच गए हैं. मंडल का पार्थिव शरीर उनके देश भेजा जाएगा. त्रिपुरा के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति का शव आज उनके परिजन के हवाले किया जाएगा. नगर प्रशासन ने शुनवार सुबह इस निजी अस्पताल के दो ब्लॉक सील कर दिए.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारी लापरवाही और कोताही के आरोप में अस्पताल का लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिया है. हालांकि अस्पताल के पुराने ब्लॉक में अभी कुछ मरीज भर्ती हैं. यह ब्लॉक आग से प्रभावित नहीं हुआ, लेकिन इन मरीजों के इलाज के लिए कोई डाक्टर अथवा नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध नहीं है इसलिए इन मरीजों के चिंतित परिजन अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं.
पुराने ब्लॉक में भर्ती मरीजों की संख्या से बारे में पुलिस अथवा अस्पताल अधिकारियों से कोई जानकारी हासिल नहीं हो पाई.
अस्पताल के सभी सातों निदेशकों ने कल पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. उन्हें बाद में लापरवाही और गैर इरादतन हत्या के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा.
इस मल्टी स्पेशिएलिटी अस्पताल के बेसमेंट में रखे ज्वलनशील पदार्थ के कल तड़के आग पकड़ लेने से सात मंजिला इमारत धुएं और लपटों से घिर गई, जिससे 90 व्यक्तियों की दम घुटने से मौत हो गई. मरने वालों में ज्यादातर मरीज थे और हादसे के वक्त सो रहे थे.