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कृष्णा जल विवाद में आंध्र प्रदेश को ज्‍यादा हिस्सा

कृष्णा नदी के अतिरिक्त जल बंटवारे पर अंतिम निर्णय करते हुए कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण ने आंध्रप्रदेश को जल का अधिकतम हिस्सा आवंटित किया. इसमें कर्नाटक का और महाराष्ट्र का हिस्सा भी बढ़ा दिया गया है.

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कृष्णा नदी के अतिरिक्त जल बंटवारे पर अंतिम निर्णय करते हुए कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण ने आंध्रप्रदेश को जल का अधिकतम हिस्सा आवंटित किया. इसमें कर्नाटक का और महाराष्ट्र का हिस्सा भी बढ़ा दिया गया है.

अब आंध्रप्रदेश को नदी से 1001 टीएमसी, कर्नाटक को 911 टीएमसी और महाराष्ट्र को 666 टीएमसी पानी मिलेगा. इससे पहले आंध्रप्रदेश को 811 टीएमसी, कर्नाटक को 734 टीएमसी और महाराष्ट्र को 585 टीएमसी पानी मिलता था.

न्यायमूर्ति बृजेश कुमार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने कर्नाटक के अलमाटी बांध में और अधिक जल संग्रह को भी अनुमति दे दी. इस आदेश के साथ ही बांध के 524 मीटर उंचाई का उपयोग कृष्णा नदी के जल का संग्रह करने में किया जाएगा. इससे पहले बांध की उंचाई 519 मीटर थी.

जल के बंटवारे के लिए केंद्र सरकार तीन महीने बाद कृष्णा वाटर इंप्लीमेंटेशन बोर्ड का गठन करेगी. न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, ‘जल बंटवारे को लेकर जो भी राज्य समीक्षा या मांग आवेदन दायर करना चाहता है वह तीन महीने के अंदर ऐसा कर सकता है.’

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समझा जाता है कि जल बंटवारा 31 मई 2050 तक वैध होगा. चूंकि न्यायाधिकरण को उच्चतम न्यायालय से अनुमति हासिल है इसलिए इस फैसले के खिलाफ न्यायाधिकारण के अलावा किसी और अदालत में अपील दायर नहीं की जा सकती.

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