पुलिस ने सोमवार को परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. रिएक्टर में संवर्धित यूरेनियम भरे जाने की प्रक्रिया को रोकने की मांग कर रहे इन लोगों ने फिर से कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की घेराबंदी करने की कोशिश की.
संयंत्र से 500 मीटर की दूरी पर एकत्र इन लोगों ने पुलिस एवं जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों द्वारा बार-बार किए गए अनुरोध के बावजूद निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए समुद्र तट से हटने से मना कर दिया.
सोमवार सुबह भी गतिरोध बरकरार रहने के कारण पुलिस ने अतिरिक्त कुमुक मंगा ली, जबकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने और संयंत्र स्थल तक पहुंचने के लिए समुद्री रास्ते के इस्तेमाल की कोशिश की.
तनाव बढ़ते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों का पीछा किया. कुछ प्रदर्शनकारी समुद्र में उतर गए और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की.
पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी के संयोजक एसपी उदयकुमार के नेतृत्व में संयंत्र के नजदीक समुद्र तट पर रविवार से एक हजार से अधिक लोग डटे हैं. वे मांग कर रहे हैं कि पहले रिएक्टर में ईंधन भरे जाने के काम को रुकवाने के लिए मुख्यमंत्री जयललिता हस्तक्षेप करें. किसी अप्रिय स्थिति को टालने के लिए क्षेत्र में दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों और रैपिड एक्शन फोर्स के 400 जवानों को तैनात किया गया है.
परमाणु विरोधी संगठन के घेराबंदी के आह्वान के मद्देनजर संयंत्र के सात किलोमीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू की गई है. संयंत्र को शुरू होने से रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों के इस प्रयास को उनकी अंतिम कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
नियामक अधिकारियों ने हाल में संयंत्र में संवर्धित यूरेनियम भरे जाने को हरी झंडी दे दी थी. मद्रास उच्च न्यायालय ने भी संयंत्र शुरू किए जाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था.
भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पहली इकाई गत दिसंबर में शुरू होनी थी, लेकिन परियोजना के विरोध के चलते इसमें विलम्ब हो गया.