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जानलेवा तंबाकू कंपिनयों में एलआईसी का निवेश

विज्ञापनों के जरिए ‘जीवन के साथ और जीवन के बाद भी’ का आश्वासन देने वाली भारतीय जीवन बीमा निगम ने जानलेवा सिगरेट बनाने वाली कंपनियों में निवेश किया है.

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विज्ञापनों के जरिए ‘जीवन के साथ और जीवन के बाद भी’ का आश्वासन देने वाली भारतीय जीवन बीमा निगम ने जानलेवा सिगरेट बनाने वाली कंपनियों में निवेश किया है.

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हालांकि सरकार ने निगम पर कोई कार्रवाई करने से इनकार किया है. वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को राज्यसभा को यह दिलचस्प जानकारी दी. उनसे इस बाबत मशहूर फिल्म अभिनेत्री ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी सहित तीन सदस्यों ने सवाल किया था.

उन्होंने बताया कि 31 अक्तूबर 2011 की स्थिति के अनुसार एलआईसी ने आईटीसी लिमिटेड में 3366.02 करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है जबकि धर्मपाल सत्यपाल लिमिटेड में 50 करोड़ रुपए और वीएसटी लि. में 0.14 करोड़ रुपए का निवेश किया है.

आईटीसी विल्स नेवीकट और गोल्डफ्लेक जैसी महशूर सिगरेटें बनाती है जबकि धर्मपाल सत्यपाल लिमिटेड रजनीगंधा, तुलसी सहित कई गुटखे और पान मसाले बनाती है.

मीणा ने इस बात से इनकार किया कि सिगरेट कंपनी में निवेश करने पर एलआईसी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी. ‘तंबाकू कंपनियों में किये गये निवेश वाणिज्यिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए और निवेश के समय लागू नियमों के अनुसार किये गये थे.’

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