scorecardresearch
 

भ्रष्‍टाचार पर अब मौन तोड़ें सोनिया: आडवाणी

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भ्रष्टाचार के मुददे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपना मौन तोडने और सरकार से काले धन के मुद्दे पर शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है.

Advertisement
X
लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भ्रष्टाचार के मुददे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपना मौन तोडने और सरकार से काले धन के मुद्दे पर शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है.

Advertisement

जन चेतना यात्रा के अगले चरण के लिए रवाना होने से पहले आडवाणी संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'देश में दो साल से संसद में और संसद के बाहर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा हो रही है, बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बारे में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं. देश जानना चाहता है उनका इस पर क्या मत है, और उनकी क्या भूमिका है.' उन्होंने कहा, 'देश जानना चाहता है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाये. मैं चाहूंगा कि कांग्रेस अध्यक्ष अपना मौन त्यागे'.

आडवाणी ने काले धन मुद्दे पर केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार ने अदालत में काले धन के मामले में जो सीलबंद लिफाफा पेश किया है उनमें शामिल नामों को क्यों छिपाना चाहती है, सरकार को इन नामों को घोषणा करनी चाहिए.

Advertisement

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि आखिर जिन लोगों ने गलत ढंग से पैसा विदेशी बैंकों में जमा करवाया है, उनके नाम उजागर करने में सरकार क्यों संकोच कर रही है. उन्होने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले काले धन के मुद्दे पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए ताकि देश को सरकार द्वारा इस ओर किये गये प्रयास की और काले धन के बारे में सही जानकारी मिल सके.

पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने काले धन को वापस लाने के लिए क्या प्रयास किये हैं, उसके बारे में जनता और संसद को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि काले धन के मामले में जो नाम सामने आये हैं उनमें भारत के भी कुछ नाम शामिल हैं सरकार को इन नामों को सार्वजनिक करना चाहिए.

आडवाणी ने प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह को अब तक का सबसे कमजोर प्रधानमंत्री बताते हुए कहा कि अर्थशास्त्री देश का नेतृत्व कर रहे हैं और मंहगाई को काबू में ला नहीं सके.

उन्होने मंहगाई और भ्रष्टाचार को एक दूसरे से जुडा हुआ बताते हुए कहा कि लोकसभा और विधान सभा चुनाव एक साथ और निश्चित तिथि पर करवाने का सुझाव दिया जिससे विकास योजनाओं पर असर नहीं पडे.

आडवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं भी जानते हैं कि भ्रष्टाचार को लेकर यह पहली सरकार है जिसके कई मंत्री जेल में गये हैं या हटाये गये हैं. उन्होने कहा कि यह काम प्रधानमंत्री को करना चाहिए था लेकिन यह काम अदालत ने किया.

Advertisement

आडवाणी ने खुद को प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तुत किये जाने को लेकर पूछे गये प्रश्न को टालते हुए कहा, 'जब चुनाव आता है तो पार्टी तय करती है, इसमें कोई समस्या नहीं है.'

उन्होने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि उत्तर प्रदेश को चार भागों में विभक्त करने का निर्णय बडा सोच-समझ कर लेना चाहिए, तेलंगाना में इसी मुद्दे को लेकर कई लोग आत्महत्याएं कर चुके है.

उन्होने लापता नर्स प्रकरण में राजस्थान के बख्रास्त मंत्री महिपाल मदेरणा की सार्वजनिक हुई सीडी के बारे में पूछे गये प्रश्न का जवाब नहीं दिया लेकिन पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जो कुछ चल रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है.

इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जन चेतना यात्रा के संयोजक रवि प्रसाद, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर अरुण चतुर्वेदी ,पूर्व मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे, सांसद ओम प्रकाश माथुर समेत वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे.

Advertisement
Advertisement