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लाहौर में सूफी संत की दरगाह में आत्मघाती हमला, 38 लोगों की मौत

पाकिस्तान के लाहौर शहर का मशहूर दाता दरबार दरगाह आज तीन आत्मघाती धमाकों से दहल गया जिनमें औरतों और बच्चों सहित 35 लोगों की मौत हो गई और करीब 175 लोग घायल हो गये.

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लाहौर स्थित एक प्रसिद्ध सूफी दरगाह में कल देर रात एक के बाद एक हुए तीन आत्मघाती बम विस्फोटों में 38 लोगों की मौत हो गई और 175 अन्य घायल हो गए.

अधिकारियों ने बताया कि एक हमलावर ने दरगाह के प्रवेश द्वार पर जमा भीड़ के बीच पहुंचकर खुद को विस्फोट से उड़ा लिया. दूसरा विस्फोट तहखाने में हुआ जहां लोग परिसर में प्रवेश से पहले वुजू कर रहे थे.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दरगाह के पास ही एक भीड़ भरे बाजार में तीसरे आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ाया.

लाहौर के आयुक्त खुसरो परवेज ने संवाददाताओं को बताया कि हमले में 38 व्यक्ति मारे गए हैं और 175 अन्य घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि 25 घायलों की हालत गंभीर है.

जिला प्रशासन प्रमुख सज्जाद भुट्टा ने बताया कि सभी तीन विस्फोट आत्मघाती हमलावरों ने किये.

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अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट में मरने वालों और घायलों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

विस्फोट कल रात 11 बजे के बाद कुछ ही मिनट के अंतराल में हुए और देखते ही देखते वहां भगदड़ मच गई. लोग दहशत में आ कर बचाव के लिए इधर उधर भागने लगे.

इस दरगाह में हर बृहस्पतिवार की रात को भीड़ इकट्ठा होती है और बड़ी संख्या में लोग दुआ मांगने के लिये आते हैं.{mospagebreak}

दरगाह के आसपास जमीन पर मलबा, जूते चप्पल और क्षतविक्षत मानव अंग नजर आ रहे थे.

घबराए हुए कुछ लोग रो रहे थे तो कुछ दूसरों को सांत्वना दे रहे थे. कुछ लोगों ने दरगाह के बरामदे में खड़े हो कर नमाज पढ़ी.

तहखाने में हुए विस्फोट से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. बंद स्थान होने की वजह से वहां जान का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. यहां विस्फोट से छत पूरी तरह नष्ट हो गई.

पुलिस ने दो हमलावरों के सिर और शरीर के अन्य हिस्से पाए हैं . उन्हें फॉरेन्सिक परीक्षण के लिए भेज दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमलावरों की जैकेट में दस किग्रा से अधिक विस्फोटक और र्छे रखे थे.

दाता दरबार लाहौर के संरक्षक संत कहलाने वाले सैयद अब्दुल हसन बिन उस्मान बिन अली अल हज़वेरी की दरगाह है.

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किसी भी समूह ने अब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. बहरहाल, तालिबान ने सूफी संतों की दरगाहों पर लोगों के जाने की प्रवृत्ति का विरोध किया है. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने दाता दरबार दरगाह में हुए इन हमलों की कड़ी निंदा की है.{mospagebreak}
जरदारी ने अपने संदेश में कहा है कि ऐसे कृत्य आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के सरकार के संकल्प को कमजोर नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा ‘‘पवित्र दरगाह से देश भर की भावनाएं जुड़ी हैं और इस पर हुए हमले से साफ पता चलता है कि आतंकवादी किसी भी मजहब, आस्था या विश्वास को नहीं मानते.’’ गिलानी ने अपने संदेश में कहा है ‘‘आतंकवादियों के मन में न तो मानवीय मूल्यों के लिए सम्मान है और न ही उन्हें मानव जीवन की परवाह है . उनके क्रूर कृत्य से उनके नापाक इरादों का पता चलता है.’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर कीमत पर आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.

गिलानी ने कहा कि ऐसी कायरतापूर्ण कार्रवाइयां संकेत देती हैं कि दूसरे स्थानों पर पराजय के बाद आतंकवादी शहरों में बेकसूर लोगों को निशाना बनाने की तैयारी में हैं.

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